
यूनुस मेमन

रतनपुर।
गोंडवाना समाज के आदिवासी गुरु महाराज दूरगे भगत का रतनपुर कोटा मोड़ सनीचरी के पास उनके अनुयायियों और समाजजनों ने आतिशबाज़ी और फूल-मालाओं के साथ भव्य स्वागत किया। वे कवर्धा में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय चिल्हीडार महापूजा एवं बेटा जौतिया महाव्रत कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। यह आयोजन क्वांर अष्टमी अंधियारी पक्ष में राष्ट्रीय गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति एवं छत्तीसगढ़ गोंडवाना संघ के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न होने वाला है।

समाजजनों का उमड़ा सैलाब
गुरु महाराज के आगमन की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में गोंडवाना समाज के लोग एकत्रित हुए। ढोल-नगाड़ों और आतिशबाज़ी के बीच समाजजनों ने गुरु महाराज को फूल-मालाओं से लादकर पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार स्वागत किया। पूरे क्षेत्र में आयोजन का माहौल उल्लासपूर्ण रहा।
पत्रकारों से कही महत्वपूर्ण बातें
स्वागत समारोह के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए गुरु महाराज दूरगे भगत ने एक महत्वपूर्ण विषय उठाया। उन्होंने कहा कि आने वाली जनगणना में सरकार ने 2011 की जनगणना के तहत मौजूद “सातवां कालम” हटा दिया है।
भारत सरकार वर्तमान में केवल छह धर्मों को मान्यता देती है, लेकिन 2011 की जनगणना में सातवां कालम रखा गया था, जिसमें समाजजन अपने धर्म का उल्लेख कर सकते थे।
गुरु महाराज ने सरकार से सवाल उठाते हुए कहा –
“हम अपना धर्म क्या लिखें? जब हमारे लिए अलग से सातवां कालम ही नहीं है तो हम अपनी पहचान दर्ज कैसे कराएं?”
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि सातवां कालम पुनः जोड़ा जाए, ताकि गोंडवाना समाज और आदिवासी समुदाय अपने धर्म का उल्लेख सही रूप से कर सके। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सातवां कालम बहाल नहीं किया गया तो इसके विरोध में देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
प्रमुख समाजजन रहे उपस्थित
इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से –
प्रीतम चेड़िया, मंहरण पोर्ते, कुबेर सिंह, हरनारायण सारटिया, सचिव कुंवर सिंह मरावी, बालू पोर्ते, अजय सिरसो, श्रीराम पोर्ते, बिंदु मरकाम, भंवर सिंह चेड़िया, रजनी पिंटू मरकाम, यसवंत मरकाम, दुर्गे भगत सिदार, आर.के. कुंजाम सहित आदिवासी समाज के अनेक पदाधिकारी एवं श्रद्धालु शामिल हुए।
कवर्धा के लिए हुए रवाना
समारोह के उपरांत गुरु महाराज अपने काफिले के साथ कवर्धा के लिए रवाना हो गए, जहां आगामी दिनों में गोंडवाना समाज का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाला आयोजन संपन्न होगा।
