

बिलासपुर। नगर निगम के स्वच्छता पेट्रोलिंग और अतिक्रमण विभाग की टीम द्वारा छोटे दुकानदारों, फेरीवालों, ठेला-गुमटी संचालकों और फुटकर व्यापारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर निगम सभापति विनोद सोनी ने कड़ी आपत्ति जताई है। सभापति ने नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार को पत्र लिखकर इस प्रकार की कार्यप्रणाली को मानवीय दृष्टिकोण से अनुचित करार देते हुए तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
पत्र में सभापति विनोद सोनी ने आरोप लगाया कि पिछले एक महीने से निगम का अतिक्रमण दस्ता निर्धन व्यापारियों के खिलाफ खुलेआम दादागीरी कर रहा है। डिस्पोजल और पॉलीथिन के नाम पर 5 हजार से 10 हजार रुपए तक का जुर्माना बिना उचित पंचनामा बनाए वसूलने के साथ-साथ फेरीवालों और दुकानदारों का सामान जब्त किया जा रहा है, जो पूरी तरह अवैध कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों की प्रतिदिन की आय बमुश्किल 500 रुपए होती है, ऐसे में भारी जुर्माना वसूली आर्थिक दृष्टि से असंगत व अन्यायपूर्ण है।
सभापति ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि दुकानों में ताले लगाना, बिना पूर्व सूचना के कार्रवाई करना और मांग पत्र जारी न करना विधिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि ऐसे मामलों में पहले उचित नोटिस जारी किया जाए और कम से कम 15 दिन का समय देकर व्यापारियों को अपनी स्थिति सुधारने का मौका दिया जाए। साथ ही, आर्थिक स्थिति के अनुसार जुर्माना किश्तों में वसूलने की व्यवस्था की जाए।
विनोद सोनी ने कोरोना काल के कठिन समय का भी हवाला देते हुए लिखा कि वर्ष 2020 से लगभग तीन वर्षों तक व्यापार लगभग ठप रहा था, ऐसे में उस अवधि का बकाया किराया सद्भावना पूर्वक समझकर वसूलना चाहिए। उन्होंने कमिश्नर से आग्रह किया कि व्यापारियों के साथ मानवीय व्यवहार करते हुए उनकी समस्याओं को ध्यान में रखा जाए और अतिक्रमण विरोधी अभियान को न्यायसंगत रूप से लागू किया जाए।
इस पत्र के बाद निगम प्रशासन द्वारा आगे की कार्यवाही पर नजर रखी जा रही है। व्यापारियों में उम्मीद जगी है कि उनकी परेशानियों का समाधान शीघ्र होगा।
