

बिलासपुर, 1 सितंबर 2025। – श्री वैष्णव सम्प्रदाय के मुकुट मणि परम श्रद्धेय पंडुरीकाक्षाचार्य वेदान्ती स्वामी जी महाराज, प्रद्युम्न रामानुज दास जी महाराज सपरिकर वृंदावन से अल्प प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे।
स्वामी जी महाराज का स्वागत बिलासपुर गौसेवा धाम में भव्य रूप से किया गया। गौसेवकों ने गाजे-बाजे और पुष्प वर्षा कर महाराज जी का अभिनंदन किया। महाराज जी ने गौसेवा धाम में घायल और बीमार गौवंश की उच्च कोटि की सेवा का अवलोकन किया और प्रसन्नता व्यक्त की।

स्वामी जी महाराज ने कहा, “वैष्णव जन वही हैं जो दूसरों के पीड़ाओं को समझते हैं और भगवान नारायण के उपासक होकर गौसेवा जैसे श्रेष्ठ कार्य करते हैं। भगवान स्वयं गौमाता की सेवा के लिए धरती पर आते हैं। बिलासपुर गौसेवा धाम में जो सेवा हमने देखी, वह अद्भुत है। युवा बिना किसी सरकारी अनुदान के स्वयं के खर्च से सेवा कर रहे हैं। शहर के लोगों को भी इस पुण्य कार्य से जुड़ना चाहिए ताकि गौमाता की बेहतर सेवा हो सके। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं गौसेवा करके हमें संदेश दिया है कि मेरे पथ पर चलना हो तो गौसेवा करो।”
स्वामी जी के स्वागत में श्री गोपाल कृष्ण रामानुज दास ने अगुवाई की और बिलासपुर गौसेवा धाम में विधि-विधान से पूजा-अर्चना एवं महाआरती का आयोजन किया। इस अवसर पर गौमाताओं और नंदी बाबा को हरे चारा और गुड़ अर्पित किया गया।

कार्यक्रम में श्री विपुल शर्मा, श्रीमती रेखा शर्मा, शत्रुघन कृष्ण, नंदराम दास, प्रेम सोनी, अमन पटेल, उत्तम पटेल, शशीकांत, सांतनु पांडे सहित बड़ी संख्या में गौसेवक उपस्थित रहे।
स्वामी जी महाराज ने खाटू श्याम मंदिर में आयोजित भागवत कथा में भी भाग लिया और श्रोताओं को अध्यात्मिक मार्गदर्शन दिया।
बिलासपुर गौसेवा धाम में स्वामी जी महाराज का आगमन और उनके विचारों ने गौसेवकों और स्थानीय लोगों में उत्साह और श्रद्धा का संचार किया।
