

बिलासपुर।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को असंवैधानिक बताते हुए लगातार दूसरे दिन भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने वोट चोरी कर सत्ता हासिल की है और अब अपने ही सीनियर नेताओं की अनदेखी कर रही है।
बघेल ने कहा कि भाजपा में अमर अग्रवाल, पुत्रूलाल मोहले, धर्मजीत सिंह, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, विक्रम उसेंडी, लता उसेंडी और रेणुका सिंह जैसे दिग्गज नेता मौजूद हैं, लेकिन उन्हें दरकिनार कर अन्य दलों से आए नेताओं को बड़े पद दिए जा रहे हैं। “भाजपा कार्यकर्ता झंडा और दरी उठाने तक सीमित हैं, जबकि बाहर से आने वालों को मलाईदार पोस्ट मिल रही है,” उन्होंने तंज कसा।
उन्होंने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के 2018 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के अलावा अधिकतम 12 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं। ऐसे में 14 मंत्री नियुक्त करना असंवैधानिक है। बघेल ने सवाल उठाया – “ये संशोधन कब हुआ और लोकसभा में कब पारित हुआ? राज्यपाल अगर असंवैधानिक कृत्य करें तो उनकी शिकायत कहां की जाए?”
उप मुख्यमंत्री अरुण साव के पलटवार पर भी बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा – “साव हाई कोर्ट में अधिवक्ता रह चुके हैं और कानून के जानकार हैं, ऐसे में उनका जवाब बेहद आपत्तिजनक है।”
बघेल ने यह भी सवाल खड़ा किया कि अगर मंत्रिमंडल ही असंवैधानिक है तो उसके सभी फैसले वैध कैसे माने जाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मामले में भले ही स्टे नहीं मिला हो, पर छत्तीसगढ़ की स्थिति अलग है और यहां का मंत्रिमंडल कोर्ट के आदेश के खिलाफ है।
भूपेश बघेल गुरुवार को पूर्व विधायक स्व. बलराम सिंह की पत्नी आशा सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे। उन्होंने ठाकुर परिवार से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की। इस दौरान विधायक अटल श्रीवास्तव, दिलीप लहरिया, बालेश्वर साहू, शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, पूर्व महापौर रामशरण यादव सहित कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे।
