सावन मास के तीसरे सोमवार को बिलासपुर छठ घाट से निकली भव्य कांवड़ यात्रा, पुष्प वर्षा कर किया गया स्वागत, 9 किलोमीटर की दूरी तय कर जोरापारा शिव मंदिर पहुंचकर कावड़ियों ने किया शिवजी का जलाभिषेक

संसार की रक्षा के लिए शिव ने हलाहल ग्रहण कर लिया लेकिन इससे उनके शरीर में होने वाले तपिश को शांत करने के लिए सभी देवी देवताओं और इंद्र देवता को भी उन पर जल अर्पित करना पड़ा। तब से शिवजी के जल अभिषेक की परंपरा है। पवित्र श्रावण मास में शिव जी का जलाभिषेक परम शुभकारी माना जाता है। एक लोटा जल, सभी समस्याओं का हाल इस भावना के साथ शिव भक्त इस मास में देश भर के सभी शिवालयों में पहुंचकर भोले भंडारी को प्रसन्न कर रहे हैं। गंगा और अन्य पवित्र नदियों से जल भरकर उसे कांवर में रखकर कांवरिये 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में पहुंचते हैं। जो शिव भक्त बाबा बैजनाथ धाम नहीं जा पाए उनके लिए बिलासपुर में विगत 2 वर्षों से भव्य कावड़ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। तीसरे वर्ष भी यह आयोजन हुआ। जय वंदे मातरम संगठन और रुद्राणी सेना द्वारा कावड़ यात्रा का आयोजन किया गया। सोमवार सुबह छठ घाट से यह कावड़ यात्रा आरंभ हुई।

रविवार को हुई गणेश स्तुति, सुंदरकांड ,हनुमान चालीसा पाठ

इससे पहले रविवार शाम को छठ घाट पर ही गणेश जी की स्तुति कर सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। किसी भी शुभ कार्य से पूर्व गणेश जी की आराधना की परंपरा है जिसका पालन इस बार किया गया, तो वही सावन के तीसरे सोमवार को अरपा नदी के तट पर सुबह से ही बड़ी संख्या में शिव भक्त भगवा वस्त्रों में कावड़ लेकर पहुंचे । इनमें से कुछ कावड़ियों के पास बेहद आकर्षक कावड़ भी थे। अरपा नदी से कावड़ में जल भरकर इस यात्रा की शुरुआत हुई। सबसे आगे बैंड, उसके पश्चात कांवड़ में जल ली हुई महिलाएं और उनके पीछे पुरुष दो कतार में कांवर यात्रा पर निकल पड़े। साथ में हनुमान जी की जीवंत झांकी भी चल रही थी। पहली बार यात्रा के सुचारू नियंत्रण के लिए बाउंसर महिला और पुरुष भी तैनात दिखे।

पुष्प वर्षा के साथ कांवड़ियों का किया गया स्वागत

छठ घाट पर कांवड़ियों का स्वागत फुल वर्षा कर किया गया। पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र कुमार दास, वार्ड 50 के पार्षद जय वाधवानी, शशि मिश्रा, राम गोस्वामी, विनोद सिन्हा आदि ने कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया।

जोरापुरा शिव मंदिर में किया गया जलाभिषेक


छठ घाट से निकलकर गुरु नानक चौक, जूना बिलासपुर , देवकीनंदन चौक होते हुए करीब 9 किलोमीटर की कावड़ यात्रा कर कांवड़िए जोरापारा शिव मंदिर पहुंचे, जहां शिवजी का इसी जल से जलाभिषेक किया गया। सरकंडा स्थित नंदेश्वए महादेव मंदिर में भक्तों की बड़ी भीड़ नजर आई।

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