किसान पर झूठा केस बनाकर 20 हजार घूस मांगने का मामला, आरक्षक निलंबित – टीआई जांच के घेरे में

बिलासपुर

ग्राम चिचिरदा के किसान से झूठा केस बनाकर 20 हजार रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में बिल्हा थाने के आरक्षक बलराम विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया गया है। वहीं थाना प्रभारी उमेश साहू समेत आरोप में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। यह कार्रवाई एसएसपी रजनेश सिंह ने की है।

दरअसल, पीड़ित किसान रवि प्रकाश कौशिक ने आईजी डॉ. संजीव शुक्ला को शिकायत कर बताया था कि बिल्हा थाना प्रभारी और आरक्षक ने उसे गाली-गलौज कर झूठे जुआ एक्ट के केस में फंसा दिया और 20 हजार रुपए की मांग की। आईजी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी को तत्काल जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

खेत में दवा छिड़काव करने गया था किसान

किसान रवि प्रकाश ने बताया कि 19 जुलाई को दोपहर 3 बजे वह खेत में दवा छिड़काव करने गया था। उसने अपनी ई-बाइक केसला गांव मौली चौक पर खड़ी की थी। इसी दौरान पुलिस मौली चौक पर जुआरियों को पकड़ने पहुंची और उसकी बाइक भी जब्त कर ली। जानकारी मिलने पर किसान टीआई उमेश साहू से मिला और पूरी बात बताई, लेकिन टीआई ने उसे गालियां देते हुए गाड़ी में बैठा लिया और थाने ले आए।

पहले फोन पर पैसे मंगवाने कहा, फिर च्वाइस सेंटर ले जाकर निकलवाए

किसान के मुताबिक, थाने में टीआई ने 20 हजार रुपए की मांग की। काफी गिड़गिड़ाने पर भी जब वह मान नहीं रहे थे, तब आरक्षक बलराम ने पहले फोन पर पैसे ट्रांसफर करने को कहा। बाद में उसे थाने के पीछे च्वाइस सेंटर ले जाकर खाते से 10 हजार रुपए निकलवाए। इसके बाद उसे छोड़ा गया, लेकिन बाहर आते ही उसके खिलाफ जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई कर दी गई। किसान ने आरोप लगाया कि कम पैसे देने पर उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया।

आईजी से शिकायत के बाद कार्रवाई

किसान ने मंगलवार को आईजी कार्यालय पहुंचकर पूरी घटना बताई। आईजी ने तुरंत मामले को एसएसपी को सौंपा। एसएसपी ने प्राथमिक जांच के बाद आरक्षक बलराम विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया है और थाना प्रभारी उमेश साहू समेत आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

पुलिस मुख्यालय ने भी मामले को गंभीरता से लिया है और कहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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