डॉ. बाबा अंबेडकर की प्रतिमा के साथ आपत्तिजनक हरकत करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार, सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार की निकली हवा

रायगढ़।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ के मामले में रायगढ़ पुलिस ने दो आरोपियों — रमेश जोशी और वीरेंद्र सारथी को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी 13 जून को हुई, जब पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए तकनीकी व मानवीय साक्ष्यों के आधार पर जांच को अंजाम दिया।

यह घटना 9 जून की सुबह सामने आई जब अंबेडकर चौक पर स्थित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर मिट्टी लगे होने की सूचना मिली। मामला सामने आते ही क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया और सोशल मीडिया पर कुछ संगठनों व व्यक्तियों ने इसे मनुवादी सोच की साजिश बताते हुए द्वेषपूर्ण टिप्पणियाँ करनी शुरू कर दीं, जिससे सामाजिक सौहार्द्र को नुकसान पहुँचने की आशंका बन गई।

पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देशित विशेष टीम ने आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले और दो संदिग्धों की पहचान की। फुटेज में दिखाई दिए दोनों युवक — रमेश जोशी (निवासी बजरंग पारा, जूटमिल) और वीरेंद्र सारथी (निवासी जोगीडिपा, रायगढ़) — हमाली का कार्य करते हैं और अक्सर रात में साथ घूमते देखे जाते हैं।

पुलिस द्वारा दिखाए गए फुटेज पर दोनों ने अपना अपराध स्वीकार किया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि 8 जून की रात प्रतिमा के पास उजाले के कारण वे वहाँ रुके और शरारतवश गीली मिट्टी प्रतिमा पर लगा दी। अगले दिन जब उन्हें घटना के सार्वजनिक होने और जनाक्रोश की जानकारी मिली, तब वे छिपते रहे।

पुलिस ने आरोपियों के बताए अनुसार घटना के समय पहने गए कपड़े बरामद किए, जिनका मिलान सीसीटीवी फुटेज से किया गया। मामले में थाना चक्रधरनगर में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं सहित, लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धाराएँ भी जोड़ी गई हैं।

दोनों आरोपियों — रमेश जोशी (उम्र 40 वर्ष) एवं वीरेंद्र सारथी (उम्र 28 वर्ष) — को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें रिमांड पर भेजा गया है।

पुलिस ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और भ्रामक अफवाहों से बचने की अपील की है, साथ ही सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों पर भी निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि मामले में किसी विशेष विचारधारा या समुदाय से जोड़कर गलत संदेश फैलाना अनुचित है। पुलिस कानून के अनुसार निष्पक्ष कार्रवाई कर रही है। राहत की खबर यह है कि पकड़े गए दोनों ही आरोपियों का सवर्ण समाज से संबंध नहीं है। वे भी दलित और पिछड़े वर्ग से है। जिससे सोशल मीडिया पर इसे मनुवादियों की हरकत कहने वालों की जुबान पर ताले जड़ दिए है।

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