अहमदाबाद विमान हादसा , जाम में फंसकर बची ज़िंदगी, भूमि चौहान की कहानी बनी चमत्कार की मिसाल

अहमदाबाद — कहते हैं कि नियति के खेल को कोई नहीं समझ सकता, और इस कहावत को सच कर दिखाया गुजरात की रहने वाली भूमि चौहान ने। एक सड़क जाम के कारण अहमदाबाद एयरपोर्ट पर अपनी फ्लाइट मिस कर देने वाली भूमि ने जब उसी फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर सुनी, तो वह सहम उठीं। भूमि की कहानी आज देशभर में चर्चा का विषय बन गई है — एक ऐसा अनुभव, जिसमें चमत्कार, नियति और सुरक्षा नियमों का गहरा तालमेल देखने को मिला।

विमान हादसे से ठीक पहले जाम में फंसी भूमि

भूमि चौहान दो साल बाद छुट्टियां बिताने भारत आई थीं और आज सुबह एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट से वापसी के लिए रवाना होने वाली थीं। भूमि अहमदाबाद से लगभग ढाई सौ किलोमीटर दूर अपने शहर से निकली थीं, लेकिन रास्ते में उन्हें गंभीर ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा। इस कारण वह निर्धारित चेक-इन समय से लगभग 20 मिनट देर से एयरपोर्ट पहुंचीं।

एयरपोर्ट पहुंचते ही उन्होंने तेजी से प्रवेश पाने की कोशिश की, लेकिन CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के अधिकारियों ने सुरक्षा नियमों का हवाला देते हुए उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भूमि ने मौके पर जोरदार बहस की, यहां तक कि एयरपोर्ट मैनेजर से मिलकर विशेष अनुमति भी मांगी, लेकिन किसी ने नियमों में ढील नहीं दी। उस समय भूमि बेहद आक्रोशित थीं और निराशा के साथ एग्जिट गेट पर वापस लौट गईं।

वही फ्लाइट बनी हादसे का शिकार

कुछ ही घंटों बाद एक चौंकाने वाली खबर सामने आई — वही एयर इंडिया की फ्लाइट तकनीकी खराबी के कारण रास्ते में आपातकालीन स्थिति का सामना करने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हालांकि पायलट की सतर्कता और त्वरित निर्णय के कारण विमान की आपात लैंडिंग कर दी गई और सभी यात्री तथा चालक दल के सदस्य सुरक्षित बचा लिए गए, फिर भी यह घटना भयावह थी।

जब भूमि को यह खबर मिली, तो वह स्तब्ध रह गईं। उन्होंने एक निजी चैनल से बातचीत में कांपती आवाज़ में कहा, “जब मैंने हादसे की खबर सुनी, तो मेरा पूरा शरीर कांपने लगा। मैं कुछ बोल नहीं पा रही थी। मुझे लगा जैसे ईश्वर ने मुझे किसी बड़ी अनहोनी से बचा लिया।”

भूमि ने आगे कहा, “मैं नाराज थी कि मुझे फ्लाइट में क्यों नहीं चढ़ने दिया गया, लेकिन अब समझ रही हूं कि भगवान की वही योजना मेरी जान बचाने के लिए थी। अगर मैं समय पर पहुंच भी जाती, तो शायद आज ये बात कहने के लिए जीवित न होती।”

“गणपति बप्पा ने मुझे बचा लिया”

इस अप्रत्याशित घटना के बाद भूमि ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “भगवान की बनाई गई परेशानी यानी जाम ने ही मुझे इस हादसे का शिकार होने से बचा लिया। मैं गणपति बप्पा की शुक्रगुजार हूं। आज लगता है कि हर नियम, हर रुकावट किसी न किसी कारण से होती है।”

सुरक्षा नियमों की सख्ती बनी जीवनरक्षक

इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि सुरक्षा नियमों की सख्ती और पालन केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवनरक्षक उपाय भी बन सकते हैं। अगर CISF और एयरपोर्ट प्रशासन नियमों में लचीलापन दिखाते, तो शायद आज की तस्वीर कुछ और होती।

अहमदाबाद एयरपोर्ट प्रशासन ने भी राहत की सांस ली और इस पूरे घटनाक्रम की समीक्षा करते हुए बताया कि, “हम हर परिस्थिति में यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। नियमों का पालन करना कभी-कभी जीवन बचाने का माध्यम बन सकता है।”

भूमि चौहान की यह घटना इस बात की मिसाल है कि कभी-कभी देर होना भी किस्मत की सबसे बड़ी मेहरबानी साबित हो सकती है। आज जहां विमान हादसे की खबर से लोग सदमे में हैं, वहीं भूमि की कहानी एक चमत्कारी बचाव की प्रेरणादायक मिसाल बन गई है।

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