हेमूनगर: नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक संस्कारों से सजे समर कैंप का तीसरा दिन


यदि बच्चों को शुरू से ही सही दिशा दी जाए, तो समाज का भविष्य उज्ज्वल हो जाता है।”
उक्त बातें बीके उमा बहन ने हेमूनगर स्थित ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र द्वारा आयोजित सात दिवसीय समर कैंप में कहा। आज तीसरे दिन भी बच्चों की भागीदारी और ऊर्जा देखते ही बन रही थी। यह शिविर विशेष रूप से बच्चों में नैतिक मूल्यों, आत्मिक बल और सकारात्मक सोच के विकास को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

कैम्प की शुरुआत प्रेरणादायक विचारों और जीवन उपयोगी शिक्षाओं से हुई। बच्चों ने कहानियों के माध्यम से सच्चाई, सहनशीलता, आत्म-संयम और करुणा जैसे गुणों को समझा और उन पर चर्चा की। इसके बाद डांस स्टोरीज़ के माध्यम से उन्होंने इन्हीं मूल्यों को अपनी रचनात्मक प्रस्तुतियों में पिरोकर मंच पर प्रस्तुत किया, जिसे उपस्थित सभी बच्चे और बड़ो ने सराहा।

इसके साथ ही, चित्रकला, रोल-प्ले, समूह चर्चा, ध्यान-सत्र जैसी गतिविधियों ने बच्चों को न केवल मनोरंजन का अवसर दिया, बल्कि उनके आत्म-विश्वास और अभिव्यक्ति की क्षमता को भी निखारा।

सेवाकेंद्र की संचालिका राजयोगिनी लता दीदी ने बताया कि, “इस समर कैंप का उद्देश्य सिर्फ ज्ञान देना नहीं, बल्कि बच्चों के भीतर सोई हुई नैतिक और आत्मिक शक्तियों को जगाना है।”

गुरुवार को समर कैंप का समापन समारोह बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस दिन प्रतिभागी बच्चे पिछले दिनों सीखी गई शिक्षाओं को विविध कार्यक्रमों के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे, जिनमें नृत्य, नाटिका, भजन, भाषण और योग प्रदर्शन शामिल रहेंगे। यह समापन समारोह न केवल बच्चों के लिए अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मंच होगा, बल्कि अभिभावकों और अतिथियों के लिए भी एक प्रेरणादायक अनुभव बनकर उभरेगा।

कुल मिलाकर, ब्रह्मा कुमारीज़ हेमूनगर का यह समर कैंप बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण और मूल्य-आधारित जीवन की दिशा में एक प्रभावशाली पहल सिद्ध हो रहा है।

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