महामाया कुंड में कछुओं की मौत पर रतनपुर में आक्रोश, रविवार को रतनपुर बंद का ऐलान

रतनपुर, छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी रतनपुर में महामाया कुंड और कलपेसरा तालाब में संरक्षित कछुओं की रहस्यमयी मौतों ने नगरवासियों को झकझोर कर रख दिया है। 25 मार्च को महामाया कुंड में 23 और 8 अप्रैल को कलपेसरा तालाब में 4 संरक्षित कछुओं की मौत के बाद पूरा नगर स्तब्ध है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों में गहरा आक्रोश व्याप्त है, वहीं प्रशासन और वन विभाग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को रतनपुर के गज किला परिसर में शोक सभा का आयोजन कर मृत कछुओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभा में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की। साथ ही आगामी रविवार, 13 अप्रैल को नगर बंद का ऐलान भी किया गया है।

महामाया मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सतीश शर्मा, जिन पर आरोपों की आंच पहुंच रही है, ने दावा किया है कि कछुओं को कहीं और से लाकर कुंड में डाला गया था और इसे उन्होंने एक साजिश बताया है। उन्होंने जांच में सहयोग की बात कही थी, लेकिन उनकी अग्रिम जमानत याचिका निचली अदालत ने खारिज कर दी, जिसके बाद से वे फरार बताए जा रहे हैं।

मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने इस मामले में थाना प्रभारी को पत्र लिखकर दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने पत्र में स्पष्ट किया है कि महामाया कुंड को धार्मिक दृष्टिकोण से मत्स्य पालन से मुक्त रखा गया है, और ट्रस्ट द्वारा ही इसका संरक्षण किया जाता है। इसके बावजूद ट्रस्ट के निर्णय के चलते 23 कछुओं की मौत होना, धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

इस पूरे मामले को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भी संज्ञान में लिया है और प्रशासन से जवाब तलब किया है। अब जब कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है, तो दोषियों का बच पाना मुश्किल नजर आ रहा है।

नगरवासियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक इस मुद्दे पर पारदर्शी जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा।

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