स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली – दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रेल परिचालन को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने के लिए स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में अब तक 432 किलोमीटर रेलखंड में स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली लागू की जा चुकी है, जिसमें से 112 किलोमीटर का कार्य इस वर्ष सफलता पूर्वक पूरा किया गया है ।
स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली में रेलपथ को छोटे –छोटे ब्लॉक खंडों में विभाजित किया जाता है । प्रत्येक खंड में एक सिग्नल स्थापित किया जाता है, जो ट्रेन की स्थिति के अनुसार स्वतः हरा (Green), पीला (Yellow) या लाल (Red) संकेत देता है । जैसे ही कोई ट्रेन एक ब्लॉक में प्रवेश करती है, ट्रैक सर्किट सक्रिय हो जाता है और अगले ब्लॉक का सिग्नल लाल हो जाता है जिससे अन्य ट्रेनों को सुरक्षित दूरी बनाए रखने में मदद मिलती है। स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली से ट्रेनों की गति और अंतराल का स्वचालित रूप से नियंत्रण किया जाता है जिससे रेलवे ट्रैक की क्षमता बढ़ती है और ट्रेनों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलती है। यह प्रणाली रेलवे संचालन को अधिक दक्ष बनाकर मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों, दोनों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रेलवे नेटवर्क के आधुनिकीकरण और सुरक्षित संचालन को प्राथमिकता देते हुए लगातार नए क्षेत्रों में स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली को लागू करने के लिए कार्य कर रहा है। इससे रेलवे का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा और यात्री एवं मालगाड़ी संचालन को और अधिक सुगम बनाया जा सकेगा।

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