

जब से पुराने बिजली मीटर बदलकर नये स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, तब से बिजली बिल में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसे लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतें लगातार मिल रही है। हर दिन बड़ी संख्या में लोग भारी भरकम बिजली बिल आने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं । जिनका निराकरण नहीं हो रहा है। इसी मुद्दे पर नागरिक सुरक्षा मंच ने सोमवार को तिफरा स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय का घेराव कर दिया। प्रतीक स्वरूप स्मार्ट मीटर का पुतला दहन किया गया।

नागरिक सुरक्षा मंच के संयोजक अमित तिवारी का आरोप है कि बिजली विभाग की मनमानी से बिलासपुर के बिजली उपभोक्ता त्रस्त है। उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर के नाम पर दुगनी- तिगुनी रकम वसूले जा रही है । लोग बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल रही। आम लोगों के गुस्से को आवाज देते हुए नागरिक सुरक्षा मंच ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया है, जिनका कहना है कि सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है । कहा जा रहा है कि बिजली बिल हाफ आ रहा है लेकिन असल में बिजली बिल पहले से कई गुना अधिक आ रहा है।

इसी मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया गया। आंदोलनकारियो ने कहा कि लोगों को बिना जानकारी और सहमति के उनके पुराने मीटर बदल दिए गए। इसके बाद से बिजली बिल में भारी बढ़ोतरी हो गई है। लोग इससे जूझ रहे हैं। बिजली के बिना एक पल चलना संभव नहीं है, इसका फायदा सीएसपीडीसीएल उठा रही है। इन लोगों ने मांग की है कि जिन घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, वहां फिर से मैन्युअल मीटर लगाया जाए। स्मार्ट मीटर से तैयार बिलों को रद्द कर मैन्युअल मीटर के हिसाब से नए बिल तैयार किया जाए।

इधर इस मुद्दे पर सीएसपीडीसीएल के अधीक्षण अभियंता एस के जांगड़े का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि पूरे देश में चल रही है। जिन समस्याओं की बात कही जा रही है उसे उन्होंने गलतफहमी बताया। साथ ही उन्होंने कहा, जहां स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं वहां शिकायत निराकरण के लिए कैंप भी लगाए गए हैं। उनका मानना है कि मैन्युअल रीडिंग में पंचिंग के दौरान गलती हो सकती है लेकिन स्मार्ट मीटर की वजह से अधिक बिल आने की शिकायत को उन्होंने खारिज किया ,जबकि यह सत्य है कि ऐसा हो रहा है। जिस तरह से ईवीएम को लेकर शंका है, उसी तरह से स्मार्ट मीटर को लेकर भी लगातार शिकायते है, इसलिए बिजली विभाग को चाहिए कि एक समान लोड देकर सभी के सामने पुराने मीटर और स्मार्ट मीटर में बिजली खपत की रीडिंग चेक की जाए ,जिससे कि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
