बिलासपुर। नवयुवक कान्यकुब्ज ब्राम्हण विकास समिति बिलासपुर (छ.ग.) के तत्वाधान में 21 दिसंबर 2024 दिन रविवार को अखिल भारतीय स्तर पर समाज का राष्ट्रीय सम्मेलन बिलासपुर के स्वर्गीय लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है। इसमें देशभर के कान्यकुब्ज ब्राम्हण शामिल होंगे। बिलासपुर प्रेस क्लब में नवयुवक कान्यकुब्ज ब्राह्मण विकास समिति बिलासपुर के अध्यक्ष अरविंद दीक्षित ने बताया कि सम्मेलन में समाज एवं राष्ट्रहित के विभिन्न सारगर्भित विषयों पर चर्चा की जायेगी। सम्मेलन में विद्वतजनों के विचारों से उत्पन्न विषकर्ष से ब्राम्हण समाज एवं राष्ट्र को भी नई प्रेरणा प्राप्त होगी। समिति की महिला अध्यक्ष आरती पांडेय,पूर्व अध्यक्ष रामप्रसाद शुक्ला,शिवा मिश्रा,अनिल तिवारी,प्रभात मिश्रा ने सामाजिक संगठन के तमाम कार्यों की जानकारी देते हुए यह भी बताया कि
समाज में व्याप्त कुरीतियों, बुराईयों, आडंबरों जिनमें खर्चीली शादी, मृत्युभोज, प्री-वेडिंग शूट, ईवेंट, युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी जैसे विषयों के अलावा सामाजिक एवं राष्ट्रीय समस्याओं पर सम्मेलन में गहन चर्चा की जायेगी। इस पर किसी ठोस निष्कर्ष पर पहुंचकर राष्ट्रीय चेतना जागृत करने का प्रयास किया जायेगा। क्लब में मौजूद राजीव अवस्थी,गुड्डा पांडेय,कृष्ण मोहन पांडेय,टिंकू दुबे,राजन दीक्षित अशोक मिश्रा,गोपाल मिश्रा ने जानकारी दी कि 22 दिसंबर 2024 दिन रविवार को आयोजित युवक-युवती परिचय सम्मेलन में बड़ी संख्या में देश एवं विदेश से विवाह योग्य युवक-युवती एवं उनके अभिभावक शामिल हो रहे हैं। इनमें परिचय के द्वारा विगत वर्षों की सफलता की भांति अनेक संबंधों के तय होने की संभावना है। दोनों ही कार्यक्रम सुबह दस बजे शाम पांच बजे तक आयोजित होंगे।
नवयुवक कान्यकुब्ज विकास समिति पर एक नजर
बिलासपुर जब कस्बानुमा नगर रहा (1940-50 के आसपास) यह नगर सदर बाजार, गोड़पारा, मसानगंज, तिलक नगर, जूना बिलासपुर तक सीमित था इस नगर में बहुतायत कान्यकुब्ज परिवार निवास करते थे एवं समाज के प्रमुख आपस में मेलजोल कर सामाजिक क्रियाकलाप में संलग्न रहते थे, हमारे समाज के ख्याति नाम व्यक्तित्व शिव दुलारे मिश्रा, कुंज बिहारी लाल अग्निहोत्री मथुरा प्रसाद दुबे, हरनारायण बाजपेयी, रामगोपाल तिवारी, कालिका प्रसाद दीक्षित, केदारनाथ बाजपेयी, मुन्नू लाल शुक्ला समाज के स्तम्भ रहे। स्वतंत्रता संग्राम के साथ राजनीतिक दखल तत्समय कान्यकुब्ज समाज के लोगो की रही।
1970 में समाज के प्रमुख लोगो ने नवयुवक कान्यकुब्ज विकास समिति की स्थापना की, प्रथम अध्यक्ष स्व.पं.श्याम नारायण शुक्ला जी थे तत्पश्चात डॉ. एस.एन. शुक्ला, देवनाराण शुक्ला, कृष्णाकांत दुबे (मनिया बाबू), शंकर प्रसाद दुबे, छेदी लाल शुक्ला, देवी प्रसाद शुक्ला, पं. ठाकुर प्रसाद दीक्षित, पं. रघुनाथ प्रसाद दुबे, एवं रामप्रसाद शुक्ल की अध्यक्षता में एवं संस्थापक सचिव चन्द्रप्रकाश शुक्ला जी के अमूल्य योगदान के साथ समाज निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा जिसके बाद हमारी कार्यकारणी इसे और आगे बढ़ाने, समाज को नयी दिशा देने में लगातार सक्रिय भूमिका निभा रही है। समाज में महिला प्रकोष्ठ भी क्रियाशीलता के साथ बढ़चढ़कर अपने दायित्व का निवर्हन कर रही है।
बिलासपुर का नाम देश भर में फाग गायन में प्रमुख रूप से लिया जाता है इस फाग की शुरूवात 100 वर्ष पूर्व हुई।घर -घर जाकर बसंत पंचमी से शीतला अष्टमी तक फाग गायन आपसी मेल जोल बढ़ाने एवं सामाजिक संगठन को मजबूती के साथ बढ़ने में महती भूमिका अदा कर रही है। प्रमुख रूप से फाग के ध्वज वाहक रामप्रसाद पटवारी बचनिया महराज दुर्गा प्रसाद शुक्ला, शिवप्रसाद दीक्षित, राजकुमार शुक्ला, रामसेवक अवस्थी रहे, फिर 1 आगे फाग को जोर शोर से आगे बढ़ाने में कन्हैया लाल शुक्ला, मनिया बाबू, रामेश्वर दुबे, शिवबालक तिवारी, ज्योति शुक्ला, गंगा प्रसाद बाजपेयी, छेदीलाल शुक्ला, चन्द्रप्रकाश शुक्ला, बब्बन मिश्रा, रघुनाथ प्रसाद दुबे एवं रामप्रसाद शुक्ला, का महत्वपूर्ण योगदान है, वर्तमान में नई पीढ़ी के साथ बच्चो में भी फाग गायन में उत्साह देखा जाता है एवं हमारी समिति पूरे जोर शोर से इस फाग उत्सव का आयोजन करती आ रही है।
अन्य प्रमुख आयोजन दीपावली मिलन, होली मिलन मकर संक्राति पर्व शिक्षक दिवस सम्मान पितृपक्ष में भागवत कथा के साथ महिलाओं के द्वारा सावन उत्सव, गरबा उत्सव समिति के द्वारा प्रत्येक वर्ष किये जाते है।
आज बिलासपुर नगर में ब्राम्हण समाज में सर्वोत्कृष्ट स्थान नवयुवक कान्यकुब्ज विकास समिति का है एवं नगर के जनमानस में अपनी विशेष पहचान बना रही है।
आगामी 21 एवं 22 दिसम्बर को समाज लखीराम आडिटोरियम में राष्ट्रीय अधिवेशन एवं युवक युवती परिचय सम्मेलन का वृहद कार्यक्रम आयोजित करने जा रही हैं, हम आगे भी लगातार समाज को नयी ऊंचाईयों में ले जाने नया आयाम प्रदान करने हेतु प्रयास करते रहेंगे।