आश्रय दत्त कर्मशाला की दो मंजिला छत से मूकबधिर छात्रा ने लगाई छलांग, मौत के बाद गहराया विवाद

तिफरा स्थित आश्रयदत्त कर्मशाला में कंप्यूटर की पढ़ाई करने वाली मूक बधिर छात्रा ने दो मंजिला बिल्डिंग की छत से छलांग लगाकर जान दे दी। कोरबा निवासी 19 वर्षीय छात्रा समाज कल्याण विभाग के तिफरा स्थित आश्रयदत्त कर्मशाला में रहती थी। वह यहां कंप्यूटर की पढ़ाई कर रही थी। रोज की तरह गुरुवार सुबह-सो कर उठी। मोबाइल पर परिजनों से बात करते हुए वह छत पर चली आई। छत पर केयरटेकर अलका कोरी बैठकर चाय पी रही थी, वही एक अन्य छात्रा भी कपड़े सुखा रही थी। वीडियो कॉल पर बात करते-करते कोरबा निवासी छात्रा छत के किनारे गई और अचानक छलांग लगा दी। शोर सुनकर सब नीचे इकट्ठा हुए । छात्रा सर के बल गिरी पड़ी थी और उसके नाक से खून बह रहा था। तत्काल संस्था के बस से उसे सिम्स पहुंचाया गया। डॉक्टर के इलाज के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

इधर छात्रा की बड़ी बहन ने इस घटना के पीछे एक लड़के पर शक जताया है लेकिन मोबाइल की जांच करने पर आखिरी नंबर परिजनों का ही मिला। बताया जा रहा है कि घटना के वक्त भी वह अपने ही घर के सदस्यों से बात कर रही थी। पता नहीं इस बीच क्या हुआ कि उसने छत से छलांग लगा दी। इधर उसकी सहपाठियों ने कहा कि छात्रा पिछले कुछ दिनों से परेशान थी। इस हॉस्टल में मूक बधिर स्टूडेंट के होने की वजह से पुलिस साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट के माध्यम से बयान दर्ज कर जानकारी जुटा रही है। हालांकि अब भी स्पष्ट नहीं हो पाया कि मूक बधिर छात्रा ने क्यों छत से छलांग लगाई। हालांकि परिवार यह मानने को तैयार ही नहीं है कि छात्रा ने छत से छलांग लगाई होगी। वे इसके पीछे किसी की साजिश बता रहे है।

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