सीएमएचओ बिलासपुर ने अपोलो प्रबंधन को नोटिस जारी कर 7 दिनों के भीतर आयुष्मान पंजीकरण की जानकारी देने के दिए निर्देश

विधायक की नाराजगी के बाद अब सीएमएचओ ने भी अपोलो अस्पताल को नोटिस देकर सात दिन के भीतर जवाब मांगा है। मध्य भारत के सबसे बड़े अस्पताल अपोलो की स्थापना सरकारी जमीन पर की गई है, इसलिए अपेक्षा की जाती है कि इससे क्षेत्र के लोगों को लाभ मिले, लेकिन अपोलो अस्पताल प्रबंधन द्वारा यहां शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना एवं आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ही लागू नहीं किया गया है, जिससे गरीब मरीज जहां इलाज नहीं करा पाते । इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि पूर्व भुगतान नहीं हुआ है, लेकिन असल में अस्पताल प्रबंधन चाहता ही नहीं कि यहां गरीब मरीज आये और इस वजह से धनाढ्य मरीज अपोलो से दूरी बनाएं।


इस कारण ही इन योजनाओं को लागू नहीं किया जा रहा है, तो वही डायलिसिस की सेवा भी बंद कर दी गई है , जिसे लेकर पिछले दिनों बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने अस्पताल पहुंचकर अपनी नाराजगी जताई और दो टूक कहा कि अगर आयुष्मान योजना लागू नहीं करना है तो फिर सरकारी जमीन छोड़कर कहीं और जाकर अस्पताल बनाएं ।अब इस मामले में सीएमएचओ डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव ने भी अपोलो को नोटिस जारी कर 7 दिनों के भीतर पंजीकरण की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं । वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज दिया जाता है। अब 70 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को भी इसका लाभ मिल रहा है। योजना के तहत गरीब और वंचित परिवार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। बिलासपुर में ऐसी बहुत सारी बीमारियां हैं जिनका इलाज अपोलो में ही होता है, लेकिन अपोलो में आयुष्मान कार्ड नहीं चलने से गरीब इलाज से वंचित हो रहे हैं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। जनप्रतिनिधियों ने भी इस कदम का समर्थन किया है।

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