

बिलासपुर के सिम्स हॉस्टल के कमरे में महिला डॉक्टर द्वारा खुदकुशी मामले के बाद सोमवार को परिजनों की उपस्थिति में उनका पोस्टमार्टम किया गया। इधर इस खुदकुशी का रहस्य अब भी भी बरकरार है।
आम तौर पर माना जाता है कि डॉक्टर बन जाने के बाद व्यक्ति के जीवन में चारों तरफ खुशियां ही खुशियां होती है। पद, प्रतिष्ठा, मान सम्मान, रूपए पैसे की कोई कमी नहीं होती। ऐसे में जब अम्बिकापुर की महिला डॉक्टर भानुप्रिया सिंह फांसी लगाकर खुदकुशी कर लेती है तो फिर सवाल उठने लाजिमी है।
साल 2018 बैच की सिम्स की ही छात्रा भानु प्रिया सिंह सरगुजा के सीतापुर जिले के गुतुरमा की निवासी थी। 2023 में पास आउट होने के बाद उनकी पोस्टिंग अंबिकापुर के गोधनपुर स्थित हमर क्लीनिक में हुई थी। उन्होंने महीने भर पहले ही जॉइनिंग की थी। एक महीने पहले ही जिस सिम्स से उन्हें विदाई दी गई थी, वहीं ट्रीटमेंट कराने पहुंची डॉक्टर भानुप्रिया सिंह ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगा ली । बताते हैं जिस कमरे में भानुप्रिया की फांसी के फंदे पर लटकी लाश मिली वह उनकी एक सहेली का कमरा था। सहेली दो दिन की छुट्टी पर है। बिलासपुर पहुंचने के बाद भानुप्रिया सिंह ने अपना ट्रीटमेंट कराया। शायद उसने पहले ही खुदकुशी का इरादा कर लिया था इसलिए आत्महत्या से पहले उसने करीब आधे घंटे तक अपने सभी करीबी लोगों से फोन पर संपर्क किया, लेकिन किसी को भी इस बात की भनक नहीं लगी कि भानुप्रिया खुदकुशी करने वाली है। दोपहर करीब 12:30 बजे भानुप्रिया ने फांसी लगा ली। हॉस्टल के अन्य छात्र-छात्राओं को इसकी जानकारी हुई तो फिर उन्हें उतार कर सिम्स लाया गया लेकिन तब तक उनकी सांसे थम चुकी थी। इधर जांच में भी पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पता चला कि भानुप्रिया सिंह अपने ही एक सहकर्मी को पसंद करती थी और इस रिश्ते पर परिवार को भी आपत्ति नहीं थी। वहीं पारिवारिक रूप से भी भानुप्रिया को किसी तरह की परेशानी नहीं थी। बताया जा रहा है कि उन्हें कुछ शारीरिक समस्या जरूर थी ।खासकर रीढ़ की हड्डी की समस्या से वह जूझ रही थी। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसी वजह से भानुप्रिया सिंह ने खुदकुशी की होगी।

भानुप्रिया सिंह की खुदकुशी के बाद पुलिस ने उनके परिजनों को सूचित किया जो इस खबर से हैरान है। उनकी मौजूदगी में सोमवार को डॉक्टर भानुप्रिया सिंह का पोस्टमार्टम किया गया और फिर शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस उनके मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर मामले की जांच कर रही है, शायद इससे कोई क्लू मिल जाए ।

बताया जा रहा है कि भानुप्रिया शनिवार को बिलासपुर ट्रीटमेंट कराने पहुंची थी और दो दिन बाद वह अपनी कुछ सहेलियों के साथ रायगढ़ में अपनी एक सहेली की भाई की शादी अटेंड करने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही उसने मौत को गले लगा लिया। जिसका कारण किसी को पता नहीं। यानी कि भानुप्रिया सिंह के साथ ही यह रहस्य चला गया कि आखिर उसने डॉक्टर जैसे महत्वपूर्ण पद हासिल करने के बाद भी यह कदम क्यों उठाया। भानुप्रिया सिंह जहां इंटर्न डॉक्टर के तौर पर काम कर रही थी वहां कार्य को लेकर मामूली परेशानी तो थी लेकिन इस वजह से कोई खुदकुशी करेगा यह किसी के गले नहीं उतर रही। एक डॉक्टर होने के नाते उनकी शारीरिक परेशानी भी इतनी बड़ी तो नहीं होनी चाहिए जिसके लिए मौत को गले लगाना पड़े। आखिर वह क्या वजह है, जिस कारण से एक उम्मीद की मौत असमय हो गई की , यह जानने की इच्छा सबको है लेकिन सवाल फिलहाल अनुत्तरित है।
