5 नवंबर से होगा छठ महापर्व आरंभ, नहाय- खाय के दिन अरपा मैया की महाआरती, 7 को अस्ताचलगामी और 8 को उदित होते सूर्य देव को दिया जाएगा अर्घ्य

विश्व के सबसे बड़े छठ घाट पर शहर के सबसे बड़े लोक पर्व को मनाने की तैयारी आरंभ हो चुकी है। जी हां हम बात कर रहे हैं सूर्य उपासना के महा पर्व छठ की, जिसमें सूर्य देव के साथ छठी मैया की पूजा की जाती है। व्रत धारी के लिए तो यह कठिन व्रत है ही तो वही आयोजन समिति के लिए भी यह किसी परीक्षा की घड़ी से कम नहीं है, जिनके द्वारा अपनी ही कसौटी पर खरा उतरना है । पिछले 23 वर्षों में जो मापदंड तय किए हैं, उस पर बीस साबित होने का प्रयास आरंभ हो चुका है।
आयोजन के लिए नई समिति का गठन कर लिया गया है। एक बार फिर सभी महारथी मिलकर आयोजन को सफल बनाने के प्रयास में जुट गए हैं। खास बात यह हैं कि इसमें हर बार की तरह जिला और पुलिस प्रशासन का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। लोक आस्था का महापर्व छठ इस वर्ष 7 और 8 नवंबर को मनाया जाएगा बिलासपुर के छठ घाट में इसकी तैयारी आरंभ हो चुकी है। घाट की सफाई में, जिला प्रशासन की मदद से समिति के कार्यकर्ता जुटे हुए हैं ।


सूर्य उपासना का महापर्व छठ अब केवल बिहार और उत्तर प्रदेश में ही नहीं अभी तो छत्तीसगढ़ में भी पूरे उल्लास ,उमंग, श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया जाता है , दावा तो यह भी किया जाता है कि बिलासपुर तोरवा अरपा नदी के किनारे में विश्व का सबसे बड़ा पक्का छठ घाट मौजूद है। छठ पर्व पर प्रदेश में अवकाश भी रहता है।

इसी घाट में विगत 24 वर्षों से छठ महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष सभी पर्वों पर तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति है। यही स्थिति छठ को लेकर भी है, लेकिन समिति द्वारा इस वर्ष 7 नवंबर गुरुवार संध्या 5:16 बजे डूबते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा, तो वहीं आगामी 8 नवंबर 2024 शुक्रवार सुबह 6:14 बजे उदित सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करेंगे।


छठ महापर्व पर सफाई का विशेष महत्व है इसलिए इन दिनों नदी और घाट की सफाई का कार्य किया जा रहा है, जिसमें जिला प्रशासन का तो सहयोग मिल ही रहा है साथ ही समिति के पदाधिकारी भी अपने स्तर पर पूरे घाट को निर्मल कर रहे हैं। आयोजन समिति में शामिल पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार दास ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी उनके द्वारा निजी श्रमिक लगाकर घाट की सफाई कराई जा रही है, जिसमें जिला प्रशासन और नगर निगम का भी अपेक्षित सहयोग मिल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दीपावली के बाद घाट पूरी तरह स्वच्छ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नदी के तलछठ की सफाई के लिए वर्तमान में अरपा नदी का पानी छोड़ा गया है। सफाई के बाद पुनः चेक डैम के गेट बंद हो जाएंगे, जिससे अरपा नदी पुनः लबालब होगी और फिर छठ पर्व मनाना आसान होगा। उन्होंने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी घाट पर मेला लगेगा। पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के स्टाल लगेंगे। निशुल्क चाय, प्रसाद और दूध का वितरण किया जाएगा।

कब है छठ

छठ पांच दिवसीय पर्व है, जिसका आरंभ 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ होगा। इसी सूर्यास्त के पश्चात अरपा मैया की महाआरती की जाएगी। करीब 10,000 दीपक अरपा नदी में प्रवाहित किए जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 60 से 70 हजार लोग छठ पर्व पर घाट में पहुंचेंगे, जिनको हर प्रकार की सुविधा प्रदान करने में समिति जुटी हुई है।

वर्तमान में घाट की सफाई , पार्किंग व्यवस्था आदि की जा रही है। दीपावली के बाद इस कार्य में और भी तेजी आएगी। पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच भोजपुरी समाज और सहजानंद समाज द्वारा व्यापक तैयारी की जा रही है । बिलासपुर का छठ महोत्सव प्रदेश ही नहीं, अपितु पूरे देश भर में चर्चित रहा है। इसी परंपरा को इस बार भी कायम रखने का प्रयास आरंभ हो चुका है। डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार दास ने बताया कि इस वर्ष अरपा मैया की आरती में मुख्य अतिथि श्री श्री 1008 प्रेम दास जी महाराज ब्रह्म बाबा के अलावा केंद्रीय मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, विधायक धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह , सुशांत शुक्ला आदि उपस्थित रहेंगे।

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