बिलासपुर में युवक के अपहरण और फिर पिटाई से हुई मौत के मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि हत्यारे युवक के परिचित और दोस्त थे। तोरवा जेजे अस्पताल के पास रहने वाला हरि ओम सिंह ब्याज पर रुपए उधार देने का धंधा करता था। इसी काम के लिए उसने अपने साथी इंद्रजीत यादव और श्रेयांश राजपूत से 8 लाख रुपये उधार लिए थे, जिसे उसने दूसरों को उधार में दे दिया था। लेनदेन के इसी मामले को लेकर श्रेयांश और इंद्रजीत से उसका विवाद चल रहा था।
बताते हैं कि 24 अक्टूबर को दोपहर में श्रेयांश , इंद्रजीत उसके घर आए, तब हरिओम घर पर नहीं था। बाद में फिर यह लोग उसके घर पहुंचे और फिर हरिओम को अपने साथ लेकर चले गए। रात में हरि ओम घर नहीं लौटा। बताया जा रहा है कि रात करीब 1:00 बजे इंद्रजीत के मोबाइल से हरिओम ने अपने चाचा को फोन किया और बताया कि इंद्रजीत और श्रेयांश उसे अपहरण कर सकरी ले आए हैं, जहां उसकी पिटाई कर 8 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं ।इसके बाद फोन कट गया।
रात को हरिओम घर नहीं लौटा लेकिन इसी रात को उसके दोस्तों ने बुरी तरह जख्मी अवस्था में उसे विनोबा नगर के गली नंबर 5 में छोड़कर भाग गए। सूचना के बाद हरिओम को सिम्स में भर्ती किया गया, जहां उसने आप बीती सुनाई और फिर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई । परिजनों को इसकी खबर दो दिन बाद हुई। परिजनों ने उसके दोस्तों पर ही हत्या का आरोप लगाया था। इस मामले में कार्यवाही करते हुए पुलिस ने सुयश राजपूत, सक्षम पांडे , तुषार मजूमदार, संतोष सोनी, हर्षित गौरहा और दमन सिंह को गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ अपहरण, हत्या का मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों में इंद्रजीत यादव फिलहाल फरार है, जिसकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।
हरि ओम की भी रही है दागदार छवि
तोरवा चाटघाट रोड जेजे अस्पताल के सामने वाली गली में रहने वाले हरि ओम सिंह की छवि भी अच्छी नहीं थी। सूत्रों के अनुसार वह न जाने कितने लोगों से पैसे उधार लेकर डकार गया था। बताते हैं कि वह अपने परिचितों से रकम उधार लेकर अय्याशी पर खर्च कर देता था। उसके खिलाफ तोरवा थाने में भी कई मामले दर्ज होने की बात कही जा रही है।