आकाश मिश्रा

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के युवक से शिक्षा विभाग में क्लर्क की नौकरी लगाने के नाम पर साढ़े 3 लाख रुपए की ठगी के मामले में धोखाधड़ी के आरोपी रायपुर निवासी विजय साहू को जमानत मिल गई है। मामले की शिकायत करीब 4 साल बाद किए जाने और अन्य तथ्यों के आधार पर माननीय न्यायालय ने जमानत स्वीकार की है।
राजनगर निवासी राजेश अग्रहरी की पहचान उनके परिचित विजय सिंह बघेल के माध्यम से रायपुर के विजय साहू से हुई थी। विजय साहू ने बताया था कि वह रायपुर मंत्रालय में अधिकारी है और वह राकेश अग्रहरी को शिक्षा विभाग में संविदा क्लर्क के पद पर नौकरी लगा सकता है। इसके बाद अलग-अलग किस्तों में साढे तीन लाख रुपए लिए गए और राकेश अग्रहरि को व्हाट्सएप पर नियुक्ति पत्र भी दिया गया ओरिजिनल नियुक्ति पत्र नहीं मिलने पर राकेश अग्रहरी को ठगे जाने का एहसास हुआ और जिसने मरवाही थाने में विजय साहू के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर दिया ।

इस मामले में आरोपी विजय साहू की पैरवी करते हुए अधिवक्ता निखिल शुक्ला ने अकाट्य तथ्य रखे, जिस कारण से आरोपी को जमानत मिल गई। अपर सत्र न्यायाधीश पेंड्रा रोड किरण थवाईत की अदालत में जिरह करते हुए अधिवक्ता निखिल शुक्ला ने जोरदार तरीके से अपने मुवक्किल का पक्ष रखा। बताया गया कि आरोपी विजय साहू और राजेश अग्रहरि एक दूसरे से पूर्व परिचित थे जिस कारण से दोनों के बीच पैसों का लेनदेन था। आरोपी को दुर्भावना पूर्ण फंसाने की बात कही गई। यह भी कहा गया कि आरोपी गंभीर बीमारी से ग्रसित है जिससे वह चलने फिरने में भी असमर्थ है। मामला 2019 का है जिसे लेकर 5 साल बाद शिकायत किए जाने पर भी संदेह जताया गया। अधिवक्ता निखिल शुक्ला ने दोनों के बीच लेनदेन के प्रमाण भी पेश किये, साथ ही इस अपराध के लिए सजा 7 वर्ष का कारावास होने के चलते आरोपी विजय साहू को जमानत दी गयी है, हालांकि इस चर्चित मामले में आरोपी को जमानत मिलने की उम्मीद कम थी लेकिन न्यायालय में अधिवक्ता निखिल शुक्ला अपने क्लाइंट विजय साहू के लिए जोरदार ढंग से पैरवी करते हुए उन्हें जमानत दिलाने में कामयाब रहे।

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