बन्द कमरे से रहस्यमय ढंग से गायब 24 दिन की मासूम बेटी कुएं में मृत मिली, माता-पिता कह रहे थे बच्ची को भूत उठा ले गया, इसलिए परिजनों पर ही हत्या का संदेह

मात्र 24 दिन की नवजात मासूम एक रात अचानक घर से रहस्य मय ढंग से गायब हो गई। इस घटना ने सबको हैरान कर दिया। मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम किरारी में रहने वाले करण गोयल और उनकी पत्नी हसीना गोयल को पहले से दो बेटियां थी। 24 दिन पहले ही उनके घर तीसरी बेटी ने जन्म लिया। बताया जा रहा है कि 30 जून की रात नवजात अपनी मां के साथ कमरे में लेटी हुई थी। घर का एक मात्र मुख्य दरवाजा बंद था। सीढ़ी के रास्ते छत पर जाने का दरवाजा भी भीतर से ही बंद था। रात करीब 2:30 बजे जब हसीना गोयल की नींद टूटी तो उसने देखा कि उसके बगल में लेटी हुई 24 दिन की बेटी गायब है। पहले तो उसने घर में उसे ढूंढा और नहीं मिलने पर पूरे परिवार को इसकी जानकारी दी। फिर सब ने खुद ही दरवाजा खोल कर बाहर देखा लेकिन बेटी नहीं मिली। फिर भी इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी गई। करण गोयल और हसीना गोयल यही कहते रहे कि उनकी बेटी को भूत प्रेत ने गायब कर दिया।
वह तो जब हसीना के माता-पिता वहां पहुंचे तो उन्होंने पुलिस में सूचना देने की बात कही। पुलिस को भी यह मामला बहुत ही चौंकाने वाला लगा क्योंकि घर से बाहर जाने के केवल दो ही दरवाजे थे और दोनों ही भीतर से बंद थे। ना तो बाहर से कोई आया था ना अंदर से कोई बाहर गया था। या तो बच्ची के माता-पिता झूठ बोल रहे थे या फिर कोई चमत्कार हुआ था। अगर बच्ची के माता-पिता ही झूठ बोल रहे थे तो जाहिर है कि उसके गायब होने के पीछे कोई और वजह रही होगी।

बंद कमरे से 24 दिन की मासूम के गायब हो जाने के दो दिन बाद उसकी लाश घर के बाहर मौजूद कुएं से मिली। पुलिस ने पहले ही गोताखोर की मदद से घर के नजदीक तालाब की जांच कराई थी लेकिन बच्ची पास के कुएं से मिली। पुलिस का कहना है की बच्ची के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं है। उसका पीएम कराया गया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। शुरू में यह संदेह भी जताया गया था की बच्ची को गायब करने में उसके ताई का हाथ हो सकता है क्योंकि करण गोयल के दो भाई भी साथ ही रहते हैं और उसके दोनों भाई जीवन यापन के लिए बाहर गए हुए हैं जबकि करण गोयल अपनी पत्नी के डिलीवरी के कारण घर में ही रुक गया था। इस मामले में परिस्थितियों चीख चीख कर कह रही है कि बच्ची को गायब करने के पीछे माता-पिता की ही भूमिका हो सकती है। असल में ग्रामीण मानसिकता आज भी नहीं बदली है। हो सकता है कि तीसरी बेटी परिवार को स्वीकार नहीं थी और इस तरह से उससे पीछा छुड़ाया गया हो। 24 दिन पहले ही दुनिया में आई मासूम का नाम तारा रखा गया था लेकिन शायद वह अपने माता-पिता की आंखों का तारा ना बन सकी। बेटी होने का अभिशाप उसे लील गया। पुलिस मामले में तफ्तीश कर रही है, बहुत जल्दी संभव है कि मासूम तारा के हत्यारों तक पुलिस के हाथ पहुंच जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!