देर रात नाइट क्लब के बाहर भिड़े युवाकियां, बाहर से आकर शहर का माहौल खराब कर रही इन युवतियों और रईसजादों के आगे पुलिस भी बेबस, कार्यवाही करें तो समस्या, ना करें तो समस्या

अली अकबर

पहले यह आरोप लगते थे कि माता-पिता बेटियों की शिक्षा को लेकर भेदभाव बरतते हैं लेकिन अब अपना पेट काट कर भी भारतीय माता-पिता अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए बड़े शहर भेजते हैं ।लेकिन यही बेटियां रात में छोटे-छोटे कपड़े पहनकर पब और क्लब में अपने माता-पिता के इन्हीं सपनों को चकनाचूर कर रही है। बिलासपुर भी इसका अपवाद नहीं है।
एजुकेशन हब बनने के बाद यहां भी बड़ी संख्या में छोटे छोटे शहरों से छात्राएं जाकर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही है। अक्सर देखा जाता है कि इन्हीं में से अधिकांश छात्राएं माता-पिता द्वारा दी गई आजादी का बेजा फायदा उठाने लगती है। परिवार का नियंत्रण न होने की वजह से इनमें से सभी तो नहीं लेकिन बहुत सारी छात्राएं रात में अपने दोस्तों के साथ शहर के बार और क्लब पहुंच जाती है। यहां कई बार दोस्तों के पैसे पर गुलछर्रे उड़ाये जाते हैं तो कई बार अनजान लोगों से भी दोस्ती कर उनसे ड्रिंक सिगरेट, राइड और बहुत कुछ हासिल करने से भी गुरेज नहीं किया जाता, और इसी वजह से बार-बार बिलासपुर में भी घटनाएं घट रही है।

इस बार रायपुर रोड स्थित होटल पैट्रिशियन के एल्युम बार के बाहर देर रात युवक युवतियां आपस में भिड़ गए ।छोटे-छोटे और भड़काऊ कपड़े पहनी युवतियां नशे में धुत्त आधी रात को सड़क पर उतरी तो कुछ मनचले ने उन पर कमेंट कर दिया। इसके बाद दो गुट आपस में भिड़ गए । इसका वीडियो भी वायरल हो गया। जिसमें कुछ युवक सड़क पर हाथ में बीयर की बोतल लेकर हंगामा मचाते दिख रहे हैं, तो वही विवाद बढ़ने पर बाउंसर भी कुछ लोगों की पिटाई करते नजर आ रहे हैं। इसी दौरान वीडियो में कई युवतियां हंगामा करती दिख रही है।

देर रात तक एल्युम बार खुला होने के वजह से यह हर दिन की बात है। खासकर वीकेंड पर यहां इसी तरह के नजारे दिखते हैं। सभी शराब के नशे में होने के चलते कभी डांस फ्लोर पर हुए विवाद तो कभी किसी और कारण से इनमें आपस में झड़प होती है।

हैरानी की बात है कि देर रात सड़क पर युवक युवतियां नशे में एक दूसरे के साथ मारपीट करते नजर आए और पुलिस को इसकी खबर तक नहीं है। यह घटना रविवार देर रात की बताई जा रही है।

इल्युम बार में इस तरह की घटनाएं अक्सर होती है लेकिन ऐसा नहीं है कि शहर के अन्य क्लब में ऐसी घटनाएं नहीं होती। हर जगह की कहानी एक जैसी है। फ्री की शराब पीने की लालच में कम कपड़ों में पहुंची इन युवतियों की वजह से ही अधिकांश झगड़े होते हैं और इनमें से अधिकांश युवतियां हॉस्टल में या किराए के मकान में अकेली रहती है, जो बाहर से आकर पढ़ाई या फिर जॉब कर रही है, जिनके चलते शहर की फिजा खराब हो रही है। इसे लेकर कई संगठनों ने आपत्ति जताई है और इस मामले में कलेक्टर और एसपी से चर्चा कर सख्त कदम उठाने की मांग करने की बात कही है । मजे की बात यह है कि इस पूरे घटना की जानकारी इलाके की पुलिस को है ही नहीं।

लिंक रोड स्थित एक और क्लब में भी वीकेंड पर इसी तरह की के नजारे नजर आते हैं, जहां रात 2:30 बजे तक शहर की सड़कों पर नशे में धुत्त युवक युवतियां हंगामा करते दिखते हैं, तो वहीं लड़कियों के कपड़े इस कदर भड़काऊ होते हैं कि कभी भी कोई घटना घट सकती है और फिर जिम्मेदारी कानून व्यवस्था और शहर के चरित्र पर आकर टिक जाएगी। इसलिए इन पर नियंत्रण जरूरी है। वैसे इन पर नियंत्रण माता-पीताओं को भी करना चाहिए जिन्होंने अपनी बेटियों को शहर पढ़ने भेज कर पूरी तरह से आंखें मूंद ली है। उन्हें यह भी नहीं पता कि उनकी बेटियां क्या कर रही है। कहते हुए शर्म आती है लेकिन इनमें से कुछ युवतियां सेक्स रैकेट का भी हिस्सा बन चुकी है, जिनके लिए मौज मस्ती करने हेतु धन कमाने का यह सबसे आसान तरीका है।


शाम के बाद सज धज कर छोटे कपड़े पहनकर यह युवतियां अलग अलग क्लब पहुंच जाती है जहां उन्हें कोई ना कोई मुर्गा मिल ही जाता है, और फिर उनकी रातें रंगीन हो जाती है। महिला होने की वजह से इन पर खास कार्यवाही भी नहीं हो रही जिसके कारण वीकेंड पर इस तरह के नजारे अब बिलासपुर में आम होने लगे हैं। एक तरफ बाहर से आई युवतियां शहर का माहौल खराब कर रही है तो वही दूसरी ओर यहां के रईसजादे भी बाप की दौलत उड़ाने के साथ अपने लिए संकट को निमंत्रण देते दिख रहे हैं, क्योंकि इस तरह की आदत कभी भी किसी समस्या में डाल सकती है। अगर आप भी कभी बिलासपुर में मौजूद किसी बार या क्लब में पहुंचेंगे तो जाम पर जाम छलकाती , धुएं का छल्ला उड़ाती, डांस फ्लोर पर छोटे-छोटे कपड़ों में अनजानो के साथ थिरकती इन युवतियों को देखकर आपकी आंखें भी फटी की फटी रह जाएगी। बिलासपुर में अपसंस्कृति परोसने वाली अधिकांश युवतियां बाहर की है जिनके महिला होने के चलते पुलिस भी उनके साथ कोई सख्ती नहीं करती, जिस वजह से उनके हौसले बुलंद होते चले जा रहे हैं। मान लीजिए अगर पुलिस इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करती है या उनके पेरेंट्स को बुलाकर इनका पर्दाफाश कर देती है और उनमें से कोई युवती खुद को नुकसान पहुंचा लेती है तो फिर पुलिस को ही खलनायक बना दिया जाएगा। यही कारण है कि पुलिस भी इनसे दूरी बनाने में ही अपनी भलाई समझती है।

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