अली अकबर
मुंगेली एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल ने थोक में प्रधान आरक्षक और आरक्षकों को लाइन अटैच कर दिया है। एक मुश्त 19 पुलिस कर्मियों के लाइन अटैच करने का यह मामला सुर्खियां बटोर रहा है। पता चला कि जिन प्रधान आरक्षकों और आरक्षकों को लाइन अटैच किया गया है उनकी पदस्थापना पिछले 4-6 महीने पहले ही हुई थी, जबकि नियमानुसार 2 साल से पहले बिना ठोस कारण के इनका ट्रांसफर नहीं होना चाहिए। यह भी जानकारी मिल रही है कि जिन 19 पुलिस कर्मचारियों का तबादला हुआ है उनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है। उल्टे यह सभी अपनी पुलिसिंग और जन सेवा के लिए खासे लोकप्रिय है।
विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि मुंगेली जिले के मुंगेली, सरगांव , लोरमी, जरहा गांव, फास्टरपुर और पथरिया में पदस्थ इन पुलिस कर्मियों ने जुआ, सट्टा और शराब माफिया के नाक में दम कर रखा था। शायद इसी का उन्हें यह इनाम मिला है। इस आदेश से जहां इन पुलिस कर्मियों का मनोबल गिराया है तो वहीं उनके परिवार जन भी बेहद हतोत्साहित और अपमानित महसूस कर रहे है, जिनका कहना है कि अभी वे ठीक से बस भी नहीं पाए थे कि उन्हें एक बार फिर से उजाड़ दिया गया है। अधिकांश पुलिस कर्मियों के बच्चों के स्कूल का एडमिशन हो चुका है। बदली परिस्थितियों में अब उन्हें फिर से नए सिरे से स्कूल में एडमिशन कराना होगा, जो अब आसान नहीं है । यह भी जानकारी मिल रही है कि पिछले दिनों मुंगेली जिले में अवैध जुआ, सट्टा और शराब के बढ़ते मामले को लेकर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बड़े पुलिस अधिकारियों की क्लास ली थी। उसी मामले में लीपा पोती करते हुए छोटे पुलिस कर्मियों के सर पर ठीकरा फोड़ा गया है ,जिससे इन पुलिस कर्मियों के साथ उनके परिवार के लोग भी अवसाद ग्रस्त महसूस कर रहे हैं।
इन्हें किया गया है लाइन अटैच
मुंगेली एसपी द्वारा जारी सूची में सरगांव के लोकेश राजपूत, लोरमी के नरेश यादव, दिलीप साहू, जरहा गांव के मनमोहन सिंह ठाकुर , ज्वाला प्रसाद हिंडोरे, श्याम डेहरिया को लाइन अटैच किया गया है। यह सभी प्रधान आरक्षक है।
इनके अलावा आरक्षकों की सूची भी बेहद लंबी है। मुंगेली सिटी कोतवाली में पदस्थ योगेश यादव, परमेश्वर जांगड़े, मुकेश सिंह ठाकुर, विकास ठाकुर , सरगांव थाने के भेलेश्वर जायसवाल , गोविंद शर्मा ,राहुल यादव, फास्टरपुर से देवीचंद नवरंग, संजय पात्रे , लोरमी के अरुण साहू, जरहा गांव के महेंद्र सिंह ठाकुर , पथरिया के धर्मेंद्र यादव और अश्विनी पुरबिया को भी मुंगेली पुलिस लाइन अटैच किया गया है। जिसकी पूरे जिले में चर्चा है। जानकार बता रहे हैं कि माफिया के इशारे पर और बड़े पुलिस अधिकारियों को बचाने के लिए ही इन आरक्षकों और प्रधान आरक्षकों की कुर्बानी ली गई है। जानकार यह भी बता रहे हैं कि एक मुश्त जिले के 19 पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच करने से पुलिस का मनोबल भी गिरा है और इससे अपराधियों के हौसले बढ़े हैं।