

आकाश दत्त मिश्रा

जमीन सीमांकन के लिए आवेदन लगाने वाले शिक्षक से आर आई ने 3 लाख रुपये रिश्वत की मांग की । परेशान होकर उन्होंने इसकी शिकायत ई ओ डब्लू और एंटी करप्शन ब्यूरो में कर दी, जिसके बाद एक लाख रुपए रिश्वत लेता हुआ आर आई संतोष देवांगन रंगे हाथों पकड़ा गया। आई जेल चला गया और सस्पेंड भी कर दिया गया, लेकिन यक्ष प्रश्न यही है कि क्या इससे पीड़ित शिक्षक प्रवीण कुमार तरुण की समस्या का निराकरण हो गया ?

इसका जवाब यह है कि उनकी समस्या अब भी यथावत है। सोमवार को शिक्षक प्रवीण कुमार तरुण अपनी समस्या लेकर मीडिया के समक्ष इस उम्मीद से पहुंचे कि कम से कम मीडिया उनकी आवाज बनेगी , लेकिन आर आई की गिरफ्तारी पर मीडिया ने जो रुचि दिखाई थी वैसी उत्सुकता पीड़ित के खुलासे के बाद भी कहीं नहीं दिखी।

सोमवार को बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंचे प्रवीण कुमार तरुण ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा कि भले ही रिश्वत लेने वाला अधिकारी गिरफ्तार हो गया है लेकिन उनकी असली समस्या तो कोई और है ।उन्होंने बताया कि गणेश नगर अनवर बक्शी मार्ग पर मौजूद उनकी 80 डिसमिल जमीन पर वार्ड क्रमांक 46 के कांग्रेसी पार्षद अब्दुल इब्राहिम खान की निगाहें गड़ गई है और वह उस जमीन पर जबरन कब्जा कर रहा है। इसके लिए वह शिक्षक को डराने धमकाने से लेकर गुंडागर्दी करने की हर तरकीब अपना चुका है। शिक्षक का दावा है कि कांग्रेसी पार्षद अब्दुल इब्राहिम खान उसकी जमीन छोड़ने की एवज में 15 लाख रुपए मांग रहा है। शिक्षक की जमीन को पार्षद अब्दुल इब्राहिम खान अपनी जमीन बता रहा है इसीलिए शिक्षक चाह रहे थे कि इस जमीन का सीमांकन हो जाए और स्थिति स्पष्ट हो, लेकिन राजस्व के भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से यह भी नहीं हो पाया।

जाहिर है अपने ही अधिकारी को फसाने वाले शिक्षक का काम अब दूसरे आर आई भी शायद ही करेंगे और उनका मामला ऐसे ही अटका रहेगा ।
इधर बिलासपुर प्रेस क्लब में शिक्षक प्रवीण कुमार तरुण ने बताया कि उनकी जमीन पर कब्जा 21 फरवरी 2024 से की गई, जिसकी शिकायत उन्होंने तोरवा थाने में भी की है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि पूरे मामले के खुलासे के बाद कलेक्टर और एसपी भी उनकी गुहार सुनकर उन्हें न्याय दिलाएंगे। शिक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि अपनी जमीन बचाने के लिए उन्होंने अधिकारियों के आगे मिन्नते की लेकिन उनकी आंखों में तो रिश्वत का पर्दा पड़ा हुआ था इसलिए उनकी किसी ने नहीं सुनी और नियम अनुसार किए जाने वाले कार्य के लिए भी ₹300000 मांगे गए। हैरानी की बात है कि शिक्षक प्रवीण कुमार तरुण को अपनी ही जमीन के लिए या तो भ्रष्ट अधिकारियों को ₹300000 देने पड़ेगे या फिर भू माफिया पार्षद को 15 लाख रुपए ।

आरोप लगता रहा है कि कांग्रेस से शासनकाल में खाली जमीन सुरक्षित नहीं थी लेकिन भाजपा के राज्य में भी इसमें जरा भी अंतर नहीं पड़ा। बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों के समक्ष खुलकर आरोप लगाते हुए प्रवीण कुमार तरुण ने बताया कि वार्ड क्रमांक 46 का कांग्रेस पार्षद अब्दुल इब्राहिम खान गुंडागर्दी पर उतर आया है और अगर उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो इसका जिम्मेदार भी वही होगा ।उन्होंने कहा कि उन्होंने अन्याय के खिलाफ जो लड़ाई शुरू की थी उसका कोई समाधान अब भी नहीं निकला है। केवल किसी अधिकारी की गिरफ्तारी से ही न्याय नहीं हुआ है। असली इंसाफ तो तब होगा जब उनकी जमीन का सीमांकन हो और उनकी जमीन पर बलात कब्जा करने वाले ऐसे कथित जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो।

लेकिन क्या ऐसा सचमुच हो पाएगा, यह बड़ा सवाल है ।एक पार्षद का नाम आने पर जहां मीडिया के एक बड़े वर्ग ने भी चुप्पी साध ली हो, वहां न्याय आखिर कब और कैसे मिलेगा, कहना मुश्किल तो नहीं होना चाहिए।