

इमलीपारा सड़क चौड़ीकरण में बाधक बन रहे दुकानों को हटाने का काम बुधवार से शुरू हो गया, हालांकि हाई कोर्ट के फैसले के बाद मंगलवार को भी टीम यहां बाधक बन रहे 86 दुकानों को हटाने पहुंची थी लेकिन व्यापारियों के विरोध के चलते उन्हें लौटना पड़ा था। किसी ने कहा कि उन्हें इमली पारा सड़क पर ही दुकान दी जाए तो कोई पुराना बस स्टैंड परिसर में दिए गए दुकान की स्थिति को लेकर सवाल उठाने लगा, लेकिन बुधवार को पूरी तरह तैयार होकर आई टीम ने किसी की भी नहीं सुनी और पहले ही दिन 86 दुकानों में से 83 दुकानों को समतल कर दिया। अब बैंक समेत और तीन दुकानों पर गुरुवार को कार्रवाई की जाएगी।

नगर निगम का अमला पिछले चार दिनों से व्यापारियों को वैकल्पिक स्थान पर शिफ्ट करने के लिए मनौव्वल करता रहा लेकिन व्यापारी नहीं माने। इसके बाद बलपूर्वक कार्यवाही शुरू कर दी गई ।इधर व्यापारी इसे कोर्ट की अवमानना बताने लगे। जिन्होंने कहा कि कोर्ट ने भी उन्हें 15 दिन का समय दिया है। बिना व्यवस्थापन के ही नगर निगम उन्हें हटा रही है। नगर निगम की टीम हालांकि पहले से ही तैयारी कर चुकी थी। बुलडोजर कार्रवाई के दौरान ट्रैफिक और अन्य समस्या ना हो इसलिए इस रास्ते को सील कर दिया गया था। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में पहले दुकानों की बिजली काटी गई और फिर बुलडोजर चलाना शुरु कर दिया, जिसे देखते हुए व्यापारी खुद ही अपना समान समेटते नजर आए। सुबह से हुई कार्रवाई में शाम तक 83 दुकानों को समतल कर दिया गया, जिन्हें पुराना बस स्टैंड में वैकल्पिक जगह देकर शिफ्ट किया जा रहा है।

हालांकि व्यापारी शराब दुकान के सामने अपना दुकान खोलने को तैयार नहीं हो रहे, लेकिन यहां से 86 दुकानो को हटाने के बाद सत्यम चौक से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक तक सीधी सड़क बन जाएगी। इस फोरलेन सड़क के सीधी हो जाने से मुख्य मार्ग पर यातायात का दबाव काफी कम होगा। इधर विस्थापित व्यापारियों को करीब 10 करोड रुपए के खर्चे से बनने वाले परिसर में दुकान दी जाएगी, इसकी कीमत क्या होगी इसे लेकर भी व्यापारी असमंजस में है। इधर इस कार्रवाई पर अपने विचार रखते हुए पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने व्यापारियों के साथ न्याय करने और उन्हें अन्य स्थान पर जल्द ही दुकान देने की पैरवी की है। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि किसी भी हाल में व्यापारियों को नुकसान ना हो।
