शीतला अष्टमी पर मां शीतला की विधि विधान के साथ हुई पूजा, हेमूनगर में सातवें वर्ष पूजा अर्चना के साथ किया गया भोग प्रसाद का वितरण

मंगलवार को शीतला अष्टमी के अवसर पर मंदिरों और सार्वजनिक आयोजनों में देवी शीतला की पूजा अर्चना की गई। इस मौके पर हेमू नगर दुर्गा पंडाल में आयोजित सार्वजनिक पूजा में भक्तों ने पुष्पांजलि अर्पित की तो वहीं भोग प्रसाद का वितरण किया गया।

भारतीय परंपराओं में अधिकांश पर्व और त्यौहार मौसम के अनुरूप होते हैं। जैसे ही ग्रीष्म ऋतु का आरंभ होता है तो उस अवसर पर मां शीतला की पूजा की जाती है। मां शीतला देवी दुर्गा का ही एक स्वरूप है। मान्यता है कि उनकी उपासना से क्षेत्र में शीतलता आती है। गर्मी का प्रकोप कम होता है और गर्मी में होने वाले ज्वर , चेचक आदि बीमारियों से मुक्ति मिलती है। शीतला पूजा पर शीतल या बासी भोजन करने की परंपरा है । होली से आठवें दिन यानी चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। बिलासपुर में प्रवासी बंगालियों ने सर्वप्रथम चुचुहिया पारा रेलवे फाटक के सामने और फिर हेमू नगर दुर्गा पंडाल में इस आयोजन की शुरुआत की। हेमू नगर में सार्वजनिक मां शीतला पूजा आयोजन का यह सातवां वर्ष है। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं द्वारा भक्ति भाव से मां शीतला की पूजा की जा रही है। तीन दिवसीय आयोजन के प्रथम दिवस अष्टमी पर पुरोहित द्वारा मां शीतला की पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात भक्तों ने मां को पुष्पांजलि अर्पित की। सभी ने निरोगी होने का वर मांगा।

सार्वजनिक आयोजन के तीन दिनों में विविध अनुष्ठान संपन्न होंगे। प्रथम दिवस पूजा, चंडी पाठ , पुष्पांजलि, आरती के पश्चात भोग का वितरण किया गया, तो वहीं 3 अप्रैल को यहां पूजा आराधना के साथ यज्ञ में आहुति दी जाएगी । 3 अप्रैल को ही अष्ट प्रहर नाम कीर्तन आरंभ होगा। आयोजन में बंगाल के पुरोहित कार्तिक चटर्जी द्वारा सभी विधि विधान का पालन किया जा रहा है। 4 अप्रैल दोपहर को प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।

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