

तखतपुर के योगेश खांडेकर आत्महत्या मामले में आखिरकार उसके दोस्त की गिरफ्तार हो गई है। 28 फरवरी को तखतपुर के ग्राम जोरापारा में रहने वाले युवक योगेश खांडेकर की फांसी के फंदे पर लटकती हुई लाश मिली थी। शाम को घर से निकले योगेश की सूचना अगले दिन सुबह परिजनों को मिली। पता चला कि एक दिन पहले योगेश बिलासपुर भी गया था। पुलिस ने आत्महत्या की थ्योरी पेश की लेकिन परिजन बार-बार कह रहे थे कि उसे उसके ही दोस्तों ने मिलकर फांसी पर लटका दिया है। परिजनों को अपने दावे पर इस कदर भरोसा था कि उन्होंने पोस्टमार्टम के बाद भी शव को लेने से इनकार कर दिया और इंसाफ होने तक अंतिम संस्कार नहीं करने की बात कही। इधर इस मामले में पुलिस ने जांच पड़ताल की। लगातार संदिग्धों पूछताछ के बाद पुलिस ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में नरेंद्र सिंह ठाकुर को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि योगेश खांडेकर और उसका मित्र नरेंद्र सिंह ठाकुर एक साथ बिलासपुर गए थे। वापसी के दौरान नरेंद्र सिंह ठाकुर ने अपना महंगा आईफोन योगेश खांडेकर को दिया था, लेकिन योगेश खांडेकर से आईफोन कहीं गुम हो गया था।

नरेंद्र लगातार उस पर आईफोन वापस करने के लिए दबाव बना रहा था। गाली गलौज मारपीट और महंगा आईफोन ना लौटा पाने के दबाव में योगेश खांडेकर ने अपने ही टीशर्ट से फांसी का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली थी। पुलिस पूछताछ में खुद नरेंद्र सिंह ठाकुर ने यह खुलासा किया है। इसके बाद पुलिस ने नरेंद्र सिंह ठाकुर को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही मृतक योगेश खांडेकर की अंतिम संस्कार का मार्ग भी प्रशस्त होता दिख रहा है। भले ही परिजनों के अनुसार नरेंद्र सिंह ठाकुर ने योगेश की हत्या ना कि हो लेकिन योगेश की खुदकुशी के पीछे असली दोषी वही है।

