कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ द्वारा मनमाने स्थानांतरण पर रोक हेतु छत्तीसगढ़ शासन एवं सचिव को  सौंपा गया ज्ञापन

बिलासपुर । भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के निर्देश पर संसदीय क्षेत्र में पदस्थ तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों के मनमाने स्थानांतरण पर रोक लगाने हेतु, कनिष्ठ प्रशासनिक संघ के एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा छत्तीसगढ़ शासन एवं राज्य के प्रमुख सचिव अमिताभ जैन एवं राजस्व सचिव भुवनेश यादव को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें उन्होंने मनमाने तरीके से संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के नायब तहसीलदारों एवं तहसीलदारों को मनमाने तरीकों से दूरस्थ क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इससे लोकसभा निर्वाचन में आर. ओ. एवं ए.आरओ तथा पुलिस विभाग के थाना प्रभारी स्तर से ऊपर के अधिकारी प्रभावित होंगे,चूंकि तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार लोकसभा निर्वाचन में उपरोक्त किसी पद को धारण नहीं करते हैं, अतः उपरोक्त स्थानांतरण को निरस्त करते हुए यथावत रखने मांग की जा रही है। कहना है कि ऐसे असंगत स्थानांतरण से तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों में तीव्र आक्रोश है l यदि शीघ्र ही उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरण वापस नहीं लिया जाता, तो प्रांतीय पदाधिकारी बैठक में आम सहमति बनाकर किसी ठोस निर्णय के लिए बाध्य होंगे।

दिनांक 25 फरवरी के स्थानांतरण आदेश में विसंगति बताई जा रही है, जो इस प्रकार है, उदाहरण स्वरूप तहसीलदार ओमप्रकाश बघेल का एक ही लिस्ट में दो बार स्थानांतरण हुआ है, जबकि तहसीलदार दयाराम साहू 6 महीने से दुर्घटना में घायल होने के कारण बेड रेस्ट पर नारायणपुर में पदस्थ हैं जिनको जांजगीर जिले में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसी तरह तहसीलदार ज्योति सिंह 1 वर्ष से गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं एवं उनका इलाज रायपुर में चल रहा है उनको भी इसी दशा में कांकेर स्थानांतरित कर दिया गया है। हास्यास्पद बात यह है कि तहसीलदार शिशुपाल चंद्राकर 1 वर्ष पूर्व सेवानिवृत हो चुके हैं उनको भी स्थानांतरित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सूरजपुर कलेक्टर द्वारा सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन को पत्र के माध्यम से उल्लेखित किया गया है लोकसभा निर्वाचन द्वारा जारी आदेश के तहत तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों का स्थानांतरण उक्त श्रेणी में नहीं आता एवं इतनी बड़ी संख्या में स्थानांतरण होने से लोकसभा के निर्वाचन चुनाव संपन्न कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कनिष्ठ प्रशासनिक संघ के प्रांत अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने कहा कि 25 फरवरी को जारी आदेश निरस्त करते हुए मूल पद स्थापना जिला में ही यथावत रखने का ज्ञापन मुख्य सचिव एवं राजस्व सचिव को सोपा गया है जिसमें उन्होंने निवेदन करते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उक्त आदेश को निरस्त कर यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है, चेतावनी देते हुए कहा गया है कि अन्यथा संघ हित में उक्त अनियमितता के खिलाफ संघ द्वारा कुछ ठोस कदम उठाया जाना आवश्यक होगा l

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