युवक के शव को लेकर तखतपुर के ग्रामीणों ने बिलासपुर में दिनभर मचाया हंगामा, पुलिस के आत्महत्या की थ्योरी को खारिज करते हुए परिजन हत्यारों को पकड़ने की मांग पर अड़े

तखतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जोरापारा में 28 फरवरी को सड़क के पास लोहे के पाइप के एंगल में फांसी के फंदे पर लटकती हुई एक युवक की लाश मिली थी। बाद में पता चला कि ये लाश ग्राम बेलसरी में रहने वाले 19 वर्षीय योगेश खांडेकर की थी। पुलिस ने तखतपुर में शव का पोस्टमार्टम किया तो शुरुआती जांच में आत्महत्या की बात पाई गई। इधर परिजन पुलिस की दलील को मानने के लिए तैयार नहीं है। उनका दावा है कि योगेश खांडेकर की हत्या की गई है। पुलिस कार्रवाई पर तमाम सवाल खड़े करते हुए योगेश खांडेकर के लिए इंसाफ की मांग करने 100 से अधिक ग्रामीणो ने एसपी कार्यालय की ओर कूच कर दिया।

यहां पुलिस उन्हें रोकने का पूरा इंतजाम करती दिखी। पुलिस का मानना है की शव पर किसी तरह के चोट के कोई निशान नहीं है। फांसी पर लटकाने से ही उसकी मौत हुई है। परिस्थितियों आत्महत्या की ओर इशारा कर रही है, जबकि मृतक के परिजन यह मानने को तैयार नहीं है। उनका दावा है कि योगेश खांडेकर की हत्या की गई है। योगेश के भाई कुलदीप खांडेकर ने दावा किया कि उसके पास ऐसा वीडियो एविडेंस है जिसमें योगेश खांडेकर अपने दोस्त नरेंद्र ठाकुर और अन्य युवक के साथ जाता दिख रहा है। परिजनों की शक की सुई नरेंद्र ठाकुर की ओर ही उठ रही है। दावा किया जा रहा है कि आपसी विवाद में योगेश को मार कर लटका दिया गया होगा। कुलदीप यह भी दावा कर रहा है कि किसी लड़की के साथ अफेयर में भी योगेश को लड़की के भाई ने जान से मारने की धमकी दी थी। इन दोनों पहलुओं पर जांच की मांग परिजन कर रहे हैं।

इधर योगेश के स्वजाति समाज के लोग बड़ी संख्या में पुलिस पर दबाव बनाने बिलासपुर पहुंचे, जहां एसपी कार्यालय के बाद यह लोग कलेक्ट भी गए। यह लोग पुलिस कार्यवाही से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे है। हालांकि वे शव का दोबारा पोस्टमार्टम भी नहीं चाहते। शुक्रवार को योगेश खांडेकर के शव को लेकर ग्रामीण एसपी कार्यालय का घेराव करने की योजना बना रहे थे, जिसकी भनक पुलिस को लग गई ।उससे पहले ही मृतक के शव को सिम्स मर्चुरी भेज दिया गया, जहां अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में वीडियोग्राफी के साथ मृतक का दोबारा पोस्टमार्टम किया गया। पुलिस इसे सामान्य आत्महत्या का मामला मान रही है, लेकिन परिजन कह रहे हैं कि उसके दोस्तों ने ही पहले तो उसे खूब मारा, फिर उसके ही कपड़े से फंदा बनाकर उसे फांसी पर लटका दिया। पुलिस कह रही है कि परिस्थितियां इन आरोपों को खारिज कर रही है। मृतक के शरीर पर किसी तरह के चोट के कोई निशान नहीं है। जिससे कहा जा सके कि उसके साथ मारपीट की गई है, लेकिन परिजन इंसाफ के नाम पर नरेंद्र ठाकुर और अन्य लोगों की गिरफ्तारी की मांग लगातार किए जा रहे हैं।

इसी वजह से शुक्रवार पूरा दिन हंगामा मचा रहा। कभी एसपी कार्यालय, कभी सिम्स तो कभी कलेक्ट्रेट पहुंच कर इन ग्रामीणों ने हंगामा किया। पुलिस ने भी भीड़ को तसल्ली देने के लिए कार्यवाही का भरोसा दिलाया है। तो वहीं बताया जा रहा है कि संदेही सुरेंद्र ठाकुर से भी पूछताछ की जा रही है। सूत्रों की माने तो पुलिस भी जान रही है कि इस मामले में कोई बहुत बड़ा यू टर्न नहीं आना है लेकिन ग्रामीणों के हंगामें की वजह से उसे भी औपचारिकतायें पूरी करनी पड़ रही है।

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