बिलासपुर.. छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के होने वाले चुनाव को लेकर फिर एक बार विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है. मुख्य चुनाव अधिकारी ने आमसभा में बनाए गए नियमों को तक में रखकर 5 चुनाव अधिकारी के बजाय 10 सहायक चुनाव अधिकारी बना दिए और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले व्यक्तियों को रायपुर के 2 लोगों को ही एक साथ सहायक चुनाव अधिकारी बना दिया.. और तो और प्रदेश में 20 साल पुरानी 14 संगठन को भी मतदान करने से बाहर कर दिया . उन्हें सदस्यता भी नहीं दी. अब इस मामले को लेकर आमसभा में बनाए गए नियमों का पालन करने की मांग को लेकर अब बिलासपुर सराफा एसोसिएशन अब रजिस्टार के समक्ष शिकायत करेंगे. एवं एवं रजिस्टार की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन का चुनाव कराने की मांग करेंगे . छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के चुनाव अधिकारी मंगेलाल मालू ने चुनाव प्रक्रिया में सहयोग के लिए ऐसे लोगों के नाम जो रायपुर शहर के ही धर्म भंसाली एवं प्रकाश गोलछा सहायक चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं जो कि खुद पूर्व में अध्यक्ष बनने के लिए ललायात थे. एवं अपने लोगों को हीपदाधिकारी बनाना चाहते थे. बिलासपुर सराफा एसोसिएशन के सचिव अजय सराफ ने बताया कि छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन की बैठक में 7 जनवरी को यह तय किया गया था कि सराफा एसोसिएशन के चुनाव प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए निष्पक्ष मतदान के लिए छत्तीसगढ़ के पांच संभाग से पांच प्रमुख चुनाव अधिकारी बनाए जाएंगे. जिसमें सराफा एसोसिएशन के सभी सदस्यों की सहमति ली गई थी. लेकिन छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के चुनाव अधिकारी मांगीलाल मालू ने प्रदेश संगठन की पुरानी कार्यकारिणी को विश्वास में लिए बगैर चुनाव नियमों का उल्लंघन करते हुए रायपुर के ही 2 लोगों को चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिया. जिसमें से धरम भंसाली तथा प्रकाश गोलछा को चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिया जो पूर्व में चुनाव लड़ने के लिए बिलासपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष पर दबाव डाल रहे थे और कमल सोनी को यह तर्क दिया कि वे चुनाव ना लड़ऐ. और उन्हें कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया जाएगा. लेकिन कमल सोनी कार्यवाहक अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं हुए . बिलासपुर सराफा एसोसिएशन के सचिव अजय सराफ का कहना है कि छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन वर्तमान चुनाव अधिकारियों के द्वारा चुनाव में गड़बड़ी करने तथा चुनाव में नियम का उल्लंघन करते हुए अपनी मर्जी से ही सहायक चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिए.. आमसभा में पांच संभाग से पांच चुनाव अधिकारियों के लिए प्रस्ताव पास किया गया था और जिसमें पुरानी कार्यकारिणी की मौजूदगी में ही पांच अधिकारी नियुक्त करना था लेकिन यहां तो छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के चुनाव को प्रभावित करने के लिए रायपुर के ही लोगों को नियम विरुद्ध सहायक चुनाव अधिकारी बना दिया गया. अंबिकापुर बस्तर रायगढ़ बिलासपुर तथा दुर्ग राजनंदगांव के 10 लोगों को चुनाव अधिकारी बना दिया गया है. एवं चुनाव प्रक्रिया में नियमों को तोड़ जोड़कर भ्रष्टाचार कर दबाव पूर्वक अपने लोगों को सराफा एसोसिएशन का अध्यक्ष बनना चाहते हैं. . अजय सराफ ने चुनाव अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे अपनी मनमानी करते हुए पुरानी कार्यकारिणी को विश्वास में लिए बगैर चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिए और 14 संगठनों को सदस्यता देने से भी रोक लगा दी. जिससे सदस्यों में आक्रोश प्राप्त है यदि यदि आम सभा में पारित नियमों के तहत चुनाव अधिकारी नियुक्त नहीं किए जाते हैं तो वे इस मामले को लेकर पंजीयक के पास जाएंगे और शिकायत करते हुए निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग रखेंगे. उन्होंने मुख्य चुनाव अधिकारी से पूछा है कि किन नियमों के तहत धर्मचंद भंसाली तथा 10 सदस्य को चुनाव सहायक चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है. जबकि पुरानी कार्यकारिणी ने तय किया था कि प्रदेश के पास संभागों से पांच चुनाव अधिकारी छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन का चुनाव संपन्न करेंगे चुनाव अधिकारी मंगेलाल मालू के द्वारा अलग-अलग जिलों से चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं जिसमें से अकेले रायपुर से ही तीन चुनाव अधिकारी बना दिए गए. यह सब चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है. ऐसे में निष्पक्ष चुनाव कैसे होगा.
14 संगठनों को बाहर किया
बिलासपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी ने चुनाव अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि संगठन का निष्पक्ष चुनाव कराने के बजाय मुख्य चुनाव अधिकारी के द्वारा नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है. 14 अलग-अलग जिलों के संगठन को सदस्यता देने पर रोक लगा दी गई है. जिसमें अहिरवारा,सूरजपुर,दुर्ग भिलाई सराफा एसोसिएशन,सिंमगा,सुकमा,बचेली, बीजापुर,डोडी लोहारा, गौरेला पेंड्रा सराफा एसोसिएशन गुरुर संगठन का नाम शामिल है जिन्हें इस बार छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के मतदान से बाहर कर दिया गया है और चुनाव अधिकारियों ने यह तर्क दे दिया कि कि वह पिछले 4 साल से सदस्य नहीं है. जबकि वह लगातार नियमों के तहत यह सभी 14 संगठन छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन अपना दावा करते हुए शुल्क लगातार जमा कर रहे थे लेकिन छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन ने इन 14 संगठनों से पिछले 4 साल से किसी प्रकार का संपर्क नहीं किया एवं पत्र व्यवहार भी नहीं किया जिससे यह सभी संगठन भी चुनाव चुनाव प्रक्रिया को लेकर नाराज हैं और सभी 14 संगठन को मतदान में शामिल होने की मांग कर रहे हैं. बिलासपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सोनी ने इन सभी संगठनों को मतदान के लिए सराफा एसोसिएशन में शामिल करने व मतदान में हिस्सा लेने की मांग करते हुए चुनाव अधिकारी से मांग रखी है कि यह सभी 14 संगठन पिछले 20 सालों से सक्रिय है और आज उन्हें इस महत्वपूर्ण चुनाव के दौरान मतदान से बाहर क्यों किया जा रहा है.. उन्होंने चुनाव अधिकारी मांगीलाल धर्मचंद पर सवाल उठाते हुए कहां है कि यह चुनाव अधिकारी नहीं चाहते कि बिलासपुर से कोई छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन का अध्यक्ष बने और चुनाव अधिकारी रायपुर के लोगों को ही अध्यक्ष बनने के लिए अपनी मर्जी से दबाव पूर्वक सदस्यता अभियान चला रहे हैं और नियम विरुद्ध चुनाव अधिकारी बना रहे हैं. चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त करते हुए इन सभी 14 संगठनों ने चुनाव अधिकारियों पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. और मतदान में हिस्सा लेने की मांग रखी है.