रायपुर 15 फरवरी/ छत्तीसगढ़ की शान समझा जाने वाले सबसे विशाल हाथी प्यारे को एक साल पहले ग्रामीणों ने सूरजपुर वन मंडल के छुई रेंज के पकनी इलाके में करंट से मार दिया और वन विभाग ने मामला रफा दफा करके हाथी की लाश को दफना दिया, कानों कान किसी को खबर नहीं लगने दी। आज यह समाचार आने के बाद छत्तीसगढ़ के वन्यजीव प्रेमी प्यारे हाथी की मौत से विचलित हो गए हैं। प्यारे हाथी को 2018 में रेडियो कालर लगाया गया था, रेडियो कालर एक साल बाद गिर गया। वन विभाग का हाथी मित्र दल प्यारे हाथी पर कड़ी नजर रखता था परंतु गत एक वर्ष से प्यारे हाथी के विचरण की कोई खबर नहीं है। वन विभाग के अधिकारियों ने हाथी मित्र दल और उस क्षेत्र के एनजीओ को चेतावनी दे रखी थी कि प्यारे की मौत की खबर कहीं बाहर नहीं निकालनी चाहिए।
वन विभाग के अधिकारियों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज हो, एसआईटी गठित कर जांच करवाये
जानकारी के अनुसार सूरजपुर वन मण्डल में प्यारे की मौत के नाम से कोई प्रकरण और अपराध दर्ज नहीं है, मामले को रफा दफा करने के लिए रायपुर के एक वरिष्ट अधिकारी का दबाव था। रायपुर के वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने मांग की है कि अगर यह सत्य है की वन विभाग ने प्यारे के शव को चोरी छिपे गाड़ कर मामले का पता नहीं लगने दिया और अपराध पंजीबद्ध नहीं किया, जिससे कि दोषी बच गए, तो ऐसे में वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) से लेकर निचले स्तर के अधिकारी के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए और एसआईटी गठित कर जांच करवाये जाँच कराई जानी चाहिए।
दो साल पहले चेता दिया था प्यारे हाथी को मार दिया जायेगा
सिंघवी ने बताया की 2 वर्ष पूर्व 21 फरवरी 2022 को उन्होंने प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन और सचिव पर्यावरण, वन एव जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली को पत्र लिखकर चेता दिया था कि अंबिकापुर के मुख्य वन संरक्षक और प्रभारी वन मंडल अधिकारी असफल हो गए हैं और ग्रामीण डीएफओ को पत्र लिखकर दावा कर रहे हैं कि प्यारे ने 500 लोगों को मार दिया है उसे पकड़ कर रेस्क्यू सेंटर भेजेंगे नहीं तो ग्रामीणों को प्यारे को मारने की अनुमति दी जावे। जब सरपंच का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब चेता दिया था कि ग्रामीण बदला लेने के लिए प्यारे को मार देंगे।
दो वन अधिकारियों प्यारे को हत्यारा घोषित करवाना चाहते थे, की गई थी शिकायत वन मंत्री से
प्यारे हाथी सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा वन मंडल और तमोर पिंगला अभ्यारण में विचरण करता था। अंबिकापुर क्षेत्र के वन्यजीव प्रेमी दावा करते हैं कि प्यारे हाथी बहुत ही शांत स्वभाव का था, इसका प्रमाण यह है कि सरगुजा वन मण्डल में प्यारे हाथी से कोई जन हानि नहीं हुई। परन्तु सूरजपुर और बलरामपुर में जितनी भी जन और धन हानि होती थी उसकी जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक अंबिकापुर और वन मण्डल अधिकारी सूरजपुर प्यारे हाथी पर डाल देते थे। चर्चा अनुसार ये दोनों अधिकारी ग्रामीणों और नेताओं को उकसाते थे कि प्यारे को रमकोला के रेस्कुए सेंटर में भेजने की मांग करें और अपनी असफलता को छुपाने के लिए दोनों अधिकारी भी प्यारे को रेस्क्यू सेंटर भिजवाने के लिए पत्राचार भी करते थे। दोनों अधिकारी कभी लिखते थे कि सूरजपुर वन मंडल में 48 जनहानि के प्रकरण हो चुके हैं और कभी लिखते थे कि प्यारे ने 52 जन हानि की है जबकि खुद ही दावा करते थे कि रेडियो कालर नहीं होने के कारण प्यारे के विचरण क्षेत्र पता नहीं चल पाता। प्यारे हाथी को बदनाम करने की इस हरकत को लेकर सिंघवी ने वन मंत्री मोहम्मद अकबर तथा प्रमुख सचिव से फरवरी 2022 में शिकायत भी की थी।
21 मार्च 2022 को भी एक पत्र प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन को लिखा था कि वन अधिकारी प्यारे को हत्यारा घोषित करवाना चाहते हैं। अधिकारियों के पास कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है जिससे कि वो किसी हाथी विशेष से जन हानि बता सकेः कई हाथियों की उपस्थिति में, रात को जब हाथी पहचाना न जा सके तब, प्यारे हाथी को विलियन बनाने के लिए वे ग्रामीणों एवं फील्ड स्टाफ से लिखवा लेते है कि प्यारे हाथी ने जन हानि की है।
हाथी को रेस्क्यू सेंटर भिजवा कर आजीवन कैद करने की मांग करने वाले अधिकारी जान ले क्या है वन प्राणी संरक्षण अधिनियम के प्रावधान
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम प्रावधानित करता है कि अधिसूचि-एक के संरक्षित वन्यप्राणी हाथी को पकड़कर बंधक नहीं बनाया जा सकता, तब तक के जब तक के मुख्य वन्यजीव संरक्षक को यह विश्वास नहीं हो कि उसे हाथियों के दूसरे रहवासी क्षेत्र पर उसे पुनर्वासित नहीं किया जा सकता। अगर वन हाथी को पकड कर बंधक बनाया जाता है हो वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत अपराध होगा जिसके लिए 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है।
सूरजपुर क्षेत्र में विचरण कर रहे बहरादेव हाथी की जान भी खतरे में
सिंघवी ने वन विभाग को चेताया है कि वन विभाग ने उसी इलाके में विचरण करने वाले बहरादेव हाथी के विरुद्ध भी बहुत नफरत फैलाई है जिससे ग्रामीणों में बहरादेव हाथी के विरुद्ध भी बहुत रोष है, उसकी भी जान को खतरा है।