


डॉ सुषमा पांडे
कांग्रेस नेता त्रिलोक श्रीवास के कुशल नेतृत्व में यह भव्य आयोजन किया गया। लगभग 1000 लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
माता शाकम्भरी देवी महाकाली का एक रूप है जो धन धान्य से सभी को परिपूर्ण करती हैं।
छत्तीसगढ़ में छेरछेरा का त्योहार पौष मास के पूर्णिमा के दिन धूमधाम से मनाया जाता है । किसानों के द्वारा नयी फसल खेतों से लाकर अपनी-अपनी कोठियों में रखा जाता है। आज के दिन अन्न दान का भी बहुत महत्व होता है।

छेरछेरा नवाँ कोठी के धान हेरते हेरा ” कहते हुए बच्चे, जवान, बुढ़े सभी घर घर जाकर धान मांगते हैं। और सभी खुश होकर देते हैं। बड़ा ही आनंदमय वातावरण होता है। इस दिन टोलियों में बच्चे घरोंघर पहुंचे और छेरछेरा की पुकार लगाते हुए धान आदि की मांग की। घर की गृहणी ने बच्चों को धान, चावल सब्जी आदि दान किया, जिसे पका कर बच्चों ने वन भोज का आनंद लिया।
