अब से सरकंडा के पुराने पुल को रामसेतु के नाम से जाना जाएगा, भाजपा नेता रिंकू मित्रा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इसकी सजावट स्वयं करेंगे बिलासपुर के कलाकार

22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम लला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जा रहा है, इस तिथि को स्मृति में स्थाई बनाने के लिए भी विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब बिलासपुर के अरपा नदी में बिलासपुर को सरकंडा से जोड़ने वाले सबसे पुराने पुल का नामकरण भगवान श्री राम की स्मृति में राम सेतु रखा जाएगा।
ऐसा शायद पहली बार हुआ जब सामान्य सभा की बैठक पर भाजपा पार्षद के प्रस्ताव को कांग्रेसी महापौर ने इतनी आसानी से स्वीकार कर लिया। बुधवार को सामान्य सभा की बैठक में भाजपा पार्षद विजय ताम्रकार ने प्रस्ताव रखा कि सरकंडा पुराने पुल का नामकरण रामसेतु किया जाए , जिसे बहुमत से पास कर दिया गया।


इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए भाजपा नेता रिंकू अभिजीत मित्रा ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अरपा नदी में स्थित 100 साल पुराने पुल का रख रखाव इससे और बेहतर होगा। साथ ही इससे उसकी महत्ता बढ़ेगी। भाजपा के सचेतक विजय ताम्रकार के प्रस्ताव को सहर्ष पास करने पर रिंकू मित्र ने महापौर रामशरण यादव और उनकी टीम के प्रति भी आभार जताया है। बिलासपुर आर्टिस्ट ग्रुप के संयोजक अभिजीत मित्रा ने वादा किया है कि अगर इस प्रस्ताव पर कार्य आरंभ हो जाए तो पुल के मार्ग को सजाने का काम बिलासपुर के आर्टिस्ट स्वयं करेंगे। उन्होंने कहा कि श्री राम लला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर बिलासपुर के पुराने पुल का नामकरण राम सेतु किए जाने से यह स्मृति चिर स्थाई हो जाएगी। उन्होंने बिलासपुर में कांग्रेस और भाजपा द्वारा मिलकर शहर के विकास हेतु लिए गए इस निर्णय के प्रति आभार जताया है, साथ ही कहा कि इस कार्य को निर्बाध रूप से संपन्न कराने में राजनीतिक दल, दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करेंगे, जिसमें बिलासपुर के नागरिकों का भी अभूतपूर्व सहयोग मिलेगा।

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