करीब 500 सालों के संघर्ष के बाद हिंदुओं को अपने आराध्य प्रभु श्री राम का मंदिर अयोध्या में मिलने जा रहा है, जिसे लेकर संपूर्ण हिंदू समाज अति उत्साहित है। भले ही कांग्रेस ने इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होने से साफ मना कर दिया हो लेकिन हिंदू समाज का एक-एक व्यक्ति अयोध्या स्थित श्री रामलला के मंदिर जाने के लिए उतावला हुआ जा रहा है। लेकिन इस अवसर पर कुछ भाग्यशाली लोगों को ही दर्शन का अवसर मिल रहा है। इसलिए लोग 22 जनवरी और उससे पहले विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे हैं । कहीं मंदिरों की सफाई की जा रही है तो कहीं शोभायात्रा निकाली जा रही है । कहीं भंडारे की तैयारी है तो कहीं श्री राम वाटिका स्थापित करने की। प्रोटोकॉल की वजह से कुछ विशिष्ट आमंत्रित अतिथियों को ही 22 जनवरी और उसके बाद श्री राम लला दर्शन का शुभ अवसर मिल पा रहा है, जिनमे से एक हैं बिलासपुर के सरकंडा सुभाष चौक स्थित श्री पीतांबरा पीठ मां बगलामुखी मंदिर के पीठाधीश्वर और संत समिति धर्म समाज छत्तीसगढ़ प्रमुख आचार्य दिनेश चंद्र जी महाराज।

छत्तीसगढ़ के जिन 64 विभूतियों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया है उनमें से एक आचार्य दिनेश चंद्र जी महाराज ने अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज के राष्ट्रीय प्रमुख सुभाष शरमन के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सौजन्य भेंट की। उनका अभिनंदन करते हुए जहां मुख्यमंत्री के पद पर आशिन होने के लिए उन्हें बधाई और आशीर्वाद दिया तो वहीं आगामी 22 जनवरी को होने वाले श्री राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह और उसमें सम्मिलित होने की भी जानकारी दी। दोनों संतों ने बताया कि उनके लिए गौरवशाली विषय है कि छत्तीसगढ़ से उन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया है। सुभाष शरमन और आचार्य दिनेश चंद्र जी महाराज ने कहा कि वे इस अवसर पर पूरे छत्तीसगढ़ के लिए सुख, समृद्धि और तरक्की की प्रार्थना प्रभु श्री राम से करेंगे।

आचार्य दिनेश चंद्र जी महाराज ने बताया कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बड़े ही आत्मीयता से उनके साथ काफी समय तक चर्चा की और उन्हें इस आमंत्रण के लिए बधाई भी दी।

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