

सरकण्डा सुभाष चौक स्थित श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर में महामण्डलेश्वर श्री स्वामी हरिहरानन्द सरस्वती जी महाराज श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी, श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव, परमब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के दर्शन हेतु पधारे। इस अवसर पर अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज राष्ट्रीय प्रमुख श्री सुभेष शर्मन दिल्ली ने कहा कि जय जय माँ महावीर माने महाविष्णु विष्णु इंद्र आदि देव महावीर शब्द के दो अर्थ है हनुमान जी व गरूड़ किन्तु दोनो का अपना महत्त्व है एक जिन्होंने हनुमान जी को वर दिया एक जिन्होंने गरुड़ को वर दिया एक ओर भाव है वीर पुरुषों को वर देने वाली वीर शब्द का एक ओर अर्थ भी है ब्रह्म रसामृतपानशील यह लाक्षणिक अर्थ है इंद्र शब्द का शाब्दिक अर्थ है ब्रह्मवित ब्रह्मरूपी अमृत पान करने वाले ज्ञानि एक अन्य अर्थ में जागरण, स्वपन,ओर सुषुप्ति इन तीनो अवस्थाओं में तुरीय अनुसंधान मग्न योगीयों को वीरेंद्र कहा गया है एक अन्य विशेषता की देवी योगियों महान जितेंद्रियों को वर देने वाली है।पूर्ण विशेषता यह कि देवी वरदा है,वही त्रिमूर्तियों से भी ऊपर है।

छत्तीसगढ से सर्व श्री महामण्डलेश्वर सर्वेश्वरा दास जी अखिल भारतीय संत समिति छत्तीसगढ अध्यक्ष डबरामठ कोटमी सोनार जांजगीर चांपा, श्री पीताम्बरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. दिनेश जी महाराज अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज छत्तीसगढ़ प्रमुख,परमशांति धाम आश्रम पेण्ड्रा प. पू. श्री परमात्मानंद जी महाराज, उपस्थित रहे दर्शन पश्चात भोजन प्रसाद ग्रहण किया। तत्पश्चात आगामी अयोध्या रामलला प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से संबंधित चर्चा हुआ इस अवसर पर पं. मधुसूदन पाण्डेय,पं.संकल्प शुक्ला,अमित दुबे आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

