बिलासपुर – बिलासपुर पुलिस द्वारा हाल ही में पारित भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बारे में आम जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से सीएमडी कॉलेज में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती अर्चना झा, सीएमडी कॉलेज के अध्यक्ष श्री संजय दुबे , भूतपूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटरी क्लब ऑफ़ बिलासपुर श्री एसपी चतुर्वेदी, और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।
कार्यशाला का उद्घाटन पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री रजनेश सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि नए कानून देश की न्याय व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाएंगे। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता का उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार करना है, जबकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ सुरक्षा उपायों को भी सुनिश्चित करती है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने वाले साक्ष्यों की मान्यता और प्रामाणिकता से संबंधित है। कार्यशाला में नए कानूनों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के तहत पुलिस और न्यायपालिका के कार्यों में अधिक पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती अर्चना झा ने कानूनों के प्रावधानों और उनके प्रभावों पर प्रकाश डाला, जिससे जनता को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक किया जा सके।
सीएमडी कॉलेज के अध्यक्ष श्री संजय दुबे ने पुलिस और प्रशासन द्वारा की गई इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं नागरिकों को कानून की बेहतर समझ प्रदान करती हैं और उन्हें अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए सक्षम बनाती हैं। श्री दुबे ने कॉलेज के छात्रों और कर्मचारियों से इस अवसर का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया और पुलिस विभाग के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
कार्यशाला के दौरान प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें उपस्थित लोगों ने पुलिस अधिकारियों से नए कानूनों के संबंध में सवाल पूछे और विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आम जनता को नए कानूनों के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करना और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था।
पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं भविष्य में भी आयोजित की जाएंगी ताकि अधिक से अधिक लोग कानूनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें और समाज में कानूनी जागरूकता का प्रसार हो सके।