भगवान श्रीकृष्ण गौसरक्षण पर्यावरण वृक्षों के महत्व को बताने के लिए प्रकृति कि पूजन करना कर संदेश दिया देवराज इन्द्र का अभिमान तोड़ने के लिए सात दिन सात रात तक पर्वत को अपनी कनिष्ठ उंगली में उठा कर ब्रजवासियों सहित गौवंश कि रक्षा कि जब देवराज इन्द्र हर गये तब भगवान के सामने कामधेनु गौमाता भेंट कर क्षमा रचना किए गौमाता के गोरस से अभिषेक कर पूजन किये । बिलासपुर गौसेवा धाम में गौसेवकों ने भी पूजा अर्चना कर भगवान को छप्पन भोग अर्पित किया गौमाता को भोग लगाया पश्चात् आरती और परिक्रमा कर भंडारे में प्रसाद ग्रहण किये बिलासपुर गौसेवा धाम में बीमार एक्सिडेंट गौवंशो कि निस्वार्थ सेवा होती है अन्नकूट के इस अवसर पर श्री अभिनव गोपाल शरण जी महाराज , संकल्प शुक्ला जी , निखिल महाराज गोपाल कृष्ण रामानुज दास , शत्रुघन कृष्ण दास , नरेंद्र यादव ,संजय साहू, विष्णु पुरोहित, पुष्पदत्त शर्मा विकास शर्मा, सुदर्शन यादव , कुलवंत सिंह, आशीष त्रिपाठी ,शुभम् शुक्ला , शिवांश पांडे , सहित बड़ी संख्या में गौसेवक उपस्थित थे