कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर बंगाल की परंपरा के अनुसार बिलासपुर में भी प्रवासी बंगालियों द्वारा मां काली की पूजा अर्चना की गई। छत्तीसगढ़ बंगाली समाज द्वारा तोरवा मातेश्री कॉलोनी स्थित बंगाल भवन में आयोजित मां काली पूजा उत्सव में बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। रक्तबीज नाम के राक्षस का अंत करने के लिए ही शक्ति ने देवी काली का रूप लिया था, जिसकी आराधना बंगाल समेत पूरे देश भर में की जाती है। बिलासपुर में भी जहां-जहां बंगाली समाज के लोग रहते हैं वहां-वहां दीपावली की रात यह पूजा अर्चना की जाती है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ बंगाली समाज के आयोजन में बंगाल की वही परंपरा नजर आयी, जहां देर रात तक विधि विधान के साथ मां काली की पूजा अर्चना बंगाल के पुरोहित द्वारा की गई । प्रवासी बंगालियों ने इस अवसर पर उपवास रखकर पुष्पांजलि दी तो वही देवी को प्रसाद की थाल अर्पित की।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री और भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल भी हर वर्ष की तरह शामिल हुए, जिन्होंने पूजा अर्चना करते हुए आगामी चुनाव नतीजे के लिए देवी का आशीर्वाद मांगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि वे हमेशा ही बंगाली समाज के आयोजनों में सम्मिलित होते रहे हैं और उन्हें ऐसा कर आत्मिक आनंद प्राप्त होता है। उन्होंने विश्वास जताया कि देवी काली 17 नवंबर को बुरी शक्तियों का संहार करेगी।
अपनी धरती से दूर छत्तीसगढ़ में रहने वाले छत्तीसगढ़ बंगाली समाज के सदस्य अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए वर्ष भर विविध आयोजन करते हैं, जिसमें से एक काली पूजा में बड़ी संख्या में समाज के लोग सम्मिलित हुए। यहां रात्रि में पूजा चना के बाद भोग प्रसाद का वितरण किया गया, तो वही सोमवार को दधि कर्म पूजा एवं कीर्तन का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाज के पदाधिकारी , बंगाली समाज के नर- नारी और बच्चे शामिल हुए, जिनमे प्रदेश अध्यक्ष आर एन नाथ, प्रदेश महासचिव पल्लव धर, पार्थो चक्रवर्ती, पूर्ति धर, ए के गांगुली, शुभेंदु धर, सुमित बनर्जी , रंजीत बोस, डॉक्टर एस के मजूमदार, अनूप विश्वास , अचिंतो कुमार बोस, एन सी डे,कल्पना डे, सीमा बोस , सुनीता विश्वास, पापिया सरकार ,माला दास, तापस सरकार, राखी गुहा, प्रणति बारीक, सरस्वती नाथ , चुमकी चटर्जी , श्यामली डे, अरुंधति मुखर्जी, चंद्रा चक्रवर्ती, मिठु मजूमदार , गोपा दत्ता, अनामिका चक्रवर्ती ,गीता दत्त, प्रीति डे आदि सम्मिलित रहे।