दीपावली की तिथि पर समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थी। यही कारण है कि दीपावली के दिन देश भर में भगवान गणेश के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, लेकिन बंगाल में कार्तिक मास की अमावस पर देवी काली की पूजा करने की परंपरा है। बिलासपुर में भी प्रवासी बंगालियों द्वारा दीपावली की रात काली मां की पूजा की जाती है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ बंगाली समाज द्वारा तोरवा छठ घाट रोड स्थित मातेश्री कॉलोनी बंगाल भवन में श्री श्री मां काली पूजा उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
12 नवंबर रविवार रात 8:00 बजे से काली मां की पूजा आरंभ होगी। वहीं सोमवार सुबह 10:00 बजे दधि कर्म पूजा और शाम 6:00 कीर्तन का आयोजन होगा। मंगलवार शाम 6:00 बजे प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ बंगाली समाज के प्रदेश महासचिव पल्लव धर ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी होने वाले आयोजन की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस दिन समाज के लोग आयोजन में जुटेंगे। समाज के लोग उपवास रखकर देवी को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे ।वही रात में भोग प्रसाद का वितरण किया जाएगा। इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथियों का भी आगमन होगा।