

दुविधा में दोनों गए, माया मिली ना राम। बिलासपुर के मेयर रामशरण यादव कहां तो विधायक बनने का सपना देख रहे थे और अब उनकी महापौर की कुर्सी भी खतरे में है। आखिरकार वही हुआ जिसकी पूरी आशंका थी। अपने ही पार्टी के बड़े नेताओं पर पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाने वाले बिलासपुर के कांग्रेसी मेयर रामशरण यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है । दो दिन पहले पार्टी और संगठन विरोधी बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। 8 नवंबर को कांग्रेस के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी अरुण तिवारी ने अपने और मेयर रामशरण यादव की बातचीत का एक ऑडियो वायरल किया था, जिसमें कांग्रेस प्रभारी पर 4 करोड रुपए लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद महापौर रामशरण यादव को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था। अब 10 नवंबर से उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है, हालांकि रामशरण यादव अब भी कह रहे हैं कि उन्होंने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है, लेकिन उनके साथ पूर्व विधायक अरुण तिवारी ने खेला कर दिया ।

ऑडियो में रामशरण यादव चार करोड रुपए की डील की बात कर रहे हैं। वह यह भी कह रहे हैं कि नेता के नाम से हरियाणा के रोहतक में पैसे जमा किए गए हैं । यह बात उन्हें खुद पैसे देने वाले ने बताया है। रामशरण यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है , लेकिन क्या वे महापौर बने रहेंगे या फिर उनके स्थान पर कांग्रेस किसी और को मेयर बनाएगी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ है। इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी से भी फोन पर बातचीत करने में पूरी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, नहीं तो पता नहीं फिर क्या हो जाए।
