बिलासपुर। केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के बारह जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस मामले पर झूठा श्रेय लेने की प्रवृत्ति से बचने की सलाह दी है उन्होंने जारी एक वक्तव्य में कहा कि देश में केन्द्र और राज्यों में सर्वाधिक काल तक कांग्रेस की सरकार रही है महज लिपिगत त्रुटि का बहाना बनाकर जनजातियों को दशकों तक उनके अधिकार से वंचित रखा गया और आज जब केन्द्र सरकार की पहल पर संसद के दोनो सदनों में इस अध्यादेश को पारित करा वनवासियों को उनके अधिकार सौंपे गए तो मुख्यमंत्री जी श्रेय लेने की असफल कोशिश कर रहे हैं श्री साव सवाल करते हुए कहते हैं कि केंद्रीय कैबिनेट में यह विधेयक 2016 में पारित हो गया था तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी कांग्रेस 2018 में सत्ता में आई ऐसे में भूपेश बघेल जी कब और किसे पत्र लिखा ?
सच तो यह है कि इस विधेयक को लोकसभा ने २१ दिसंबर २०२२ को ही पारित कर दिया था तब से लगातार कांग्रेस ने किसी न किसी बहाने संसद की कार्यवाहियों को बाधित किया ताकि यह विधेयक राज्यसभा में पारित होकर कानून न बन जाए यहां तक कि जब यह ऐतिहासिक विधयेक राज्यसभा में पेश हुआ तब भी छत्तीसगढ़ के राज्यसभा सदस्यों ने इसका अघोषित रूप से बहिष्कार किया वे कार्यवाहियों से अनुपस्थित रहे जनगणना २०११ के अनुसार छत्तीसगढ़ में अनुसुचित जनजाति की कुल जनसंख्या ७८ लाख २२ हजार ९०२ है प्रदेश की जनसंख्या का लगभग एक तिहाई जनसंख्या (३०.६२%) अनुसूचित जनजाति की है इसमें सर्वाधिक ७२ लाख ३१ हजार ८२ ग्रामीण इलाकों में निवासरत है अब जब प्रदेश में निवासरत एक बड़ी आबादी की चिंता करते हुए प्रधानमंत्री के सत्प्रयासों से इस विधेयक को संसद के दोनो सदनों में पारित करा लिया गया तब जाकर मुख्यमंत्री जी चिरनिद्रा से जागृत हुए और श्रेय लेने निकल पड़े
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहि जाने वाली विशेष पिछड़ी पण्डो जनजाति भी आजादी के ७५ वर्षो तक अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल नहीं किए गए इनका उत्तरदायी कौन है ? कांग्रेस की इस छोटी सी भूल की वजह से प्रदेश की एक बड़ी आबादी ने दशकों दुख झेले उन्हें आरक्षण शिक्षा सरकारी योजनाओं जैसे अनेकों लाभ से वंचित होना पड़ा “लम्हों ने खता की है सदियों ने सजा पाई” को चरितार्थ करते हुए एक मात्रात्मक त्रुटि के कारण प्रदेश के हजारों परिवार उनकी पीढ़ियां बर्बाद होती रही और कांग्रेस सत्ता मद में मस्त रही परंतु आज केन्द्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है उनकी दृष्टि अतिम छोर में बैठे हुए व्यक्ति की ओर है सबका साथ सबका विकास उनका मूल मंत्र है और आज इसी की परिणीति है कि उन्होंने दशकों से वंचित शोषित परिवारों को उनका अधिकार दिए जनजातियों के नाम पर सिर्फ राजनीतिक रोटी सेंकने वाली कांग्रेस पार्टी झूठे प्रचार से बचें और अपनी दशकों की भूल स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री जी के इस पहल का स्वागत करे।