20 हज़ार की कथित चोरी के मामले में अब तक 53 लाख से अधिक की बरामदगी, इस अजीबोगरीब मामले में श्रोत की जानकारी के लिए पुलिस ने मामला इनकम टैक्स विभाग को सौंपा

करीब सवा लाख की चोरी की रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए पुलिस अब तक 53.58 लाख से अधिक बरामद कर चुकी है। बिलासपुर के अजीबोगरीब चोरी के मामले में 12.38 लाख रुपए के साथ फरार युवक को मध्य प्रदेश के जबलपुर से गिरफ्तार किया गया है।
वन विभाग की महिला ठेकेदार के घर से उसकी ही बहन ने चोरी करवाई थी। खुद पीड़ित सरोजिनी साहू ने पुलिस में ₹20,000 नगद और कुछ गहनों की चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस इससे पहले 41.20 लाख रुपए बरामद कर चुकी थी और अब इसी मामले में पकड़े गए आरोपी के पास से 12.38 लाख रुपये नगद और आधा किलो चांदी बरामद हुआ हैं। पुलिस को संदेह है कि खुद पीड़ित महिला भी इस साजिश में शामिल हो सकती है। यह रकम किसी बड़े व्यापारी या ठेकेदार या फिर विभाग के अधिकारी की भी हो सकती है। हालांकि पुलिस अब तक की रकम के असली स्रोत का पता नहीं लगा पाई है।
उधर महिला ठेकेदार सरोजिनी साहू का कहना है कि पुलिस उसे फंसाने के लिए ही जबरन लाखों रुपए की बरामदगी कर रही है। ऐसा अजीबोगरीब मामला शायद ही पहले कभी आया हो।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मंगला स्थित अभिषेक बिहार में वन विभाग में ठेकेदारी करने वाली सरोजिनी साहू के घर कुछ दिनों पहले चोरी हो गई थी। महिला ने ₹20,000 नगद और करीब एक लाख रुपये के गहने की चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन जब चोर पकड़े गए उनके पास नगद ही 42 लाख कैश और 3 लाख के गहने मिले। इस चोरी की मास्टरमाइंड सरोजिनी साहू की बड़ी बहन और लखराम की पूर्व सरपंच रुक्मणी कौशिक निकली, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस चोरी की घटना को अंजाम दिया था।
सुनियोजित तरीके से रुक्मिणी साहू अपनी बहन और उसके परिवार के सदस्यों को लेकर वाटर पार्क गई थी, जिसके पीछे चोरों ने इस घटना को अंजाम दिया। इधर इस मामले में पुलिस को फरार आरोपी गोलू साहू की तलाश थी, जो बार-बार ठिकाना बदल रहा था। जिसके बाद पुलिस ने उसे जबलपुर से गिरफ्तार किया। गोलू साहू के पास से पुलिस को 12.38 लाख रुपए मिले हैं। इससे पहले घटना में शामिल पुलिस के ही मुखबिर शिव दिप तिवारी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है , जिसने पुलिस को चकमा देने के लिए तीन लोगों को चोरी की रकम देकर ऐसी पटकथा लिखी थी ताकि वे आसानी से पुलिस के हाथ लगे और पुलिस उन्हें ही चोर समझकर असली गुनहगारों तक नहीं पहुंच पाए।
खुद शिवदीप तिवारी ने ही ACCU को सूचना दी थी कि सरोजिनी साहू के घर में तीन करोड़ रुपए हैं। पुलिस अब तक 53.58 लाख रुपए बरामद कर चुकी है। बड़ा सवाल यह है कि शेष रकम आखिर कहां गई ?
पुलिस को शुरू से ही सरोजिनी साहू पर भी शक है, लेकिन अब तक उसके खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। वहीं जानकारों का मानना है कि चोरी गई रकम करोड़ों में है, यानी अभी और भी रकम की बरामदगी होनी है।
पूरा मामला बेहद उलझा हुआ है। पुलिस इससे पहले मास्टरमाइंड रुकमणी कौशिक, शिवदीप तिवारी और उनके कई साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है । मामले में 2 लोग फरार थे जिन्हें गिरफ्तार किया है ।जानकारों का मानना है कि इन दिनों प्रदेश में आईटी और ईडी की जांच चल रही है। ऐसे में संभव है कि वन विभाग के ही किसी अफसर या ठेकेदार ने सरोजिनी साहू के पास पैसे रखवाये होंगे और इन्हीं लोगों ने इस पैसे की हेराफेरी करने के मकसद से इस चोरी की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस को इस मामले में कथित पीड़ित पर ही पूरा शक है कि वह भी आरोपियों की साथी हो सकती है, लेकिन फिलहाल पुलिस के हाथ पुख्ता सबूत नहीं लगे हैं, इसलिए वह उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पाई है ।सूत्रों के अनुसार सरोजिनी साहू के साथ पैसों का ट्रांजैक्शन जशपुर और बलरामपुर से हुआ है, पुलिस को पूरा भरोसा है कि जल्द ही वो यह पता लगा लेगी कि यह पैसे किसके हैं ?

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