रविंद्र जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया कांग्रेसियों ने उन्हें याद


ज़िला कांग्रेस कमेटी ( शहर/ग्रामीण ) द्वारा आज रबिन्द्र नाथ टैगोर की जयंती शिव टाकीज चौक में मनाई गई और उनके आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया ।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि ठाकुर रबिन्द्र नाथ टैगोर कला साधक और कला मर्मज्ञ थे , जो कला के सभी विधाओं पर पारंगत थे,एक लेखक, कवि, गीतकार, संगीत मर्मज्ञ, चित्रकला में महारत हासिल था, रबिन्द्र नाथ टैगोर प्रकृति से अगाध प्रेम रखते थे ,जो गुरुकुल व्यवस्था के अनुरूप कलकत्ता से 100 किलोमीटर दूर शांति निकेतन नामक स्थान पर विश्व भारती विश्वविद्यलय की स्थापना की जो विश्व विख्यात है ,भारतीय कला ,संस्कृति के संवाहक रबिन्द्र नाथ टैगोर को उनकी कविता संग्रह गीतांजलि के लिए एशिया का साहित्य में प्रथम नोबेल पुरस्कार 1913 में मिला।
ज़फर अली , हरीश तिवारी ,एसएल रात्रे ने कहा कि रबिन्द्र नाथ टैगोर का जन्म एक जमीदार परिवार में हुआ था, 6 मई 1861 में देवेंद्र नाथ टैगोर के घर जन्म हुआ ,पढ़ने के लिए इंग्लैंड गए पर बीच मे ही छोड़कर वापस भारत आ गए ,रबिन्द्र नाथ टैगोर और महात्मा गांधी के बीच राष्ट्रवाद और मानवतावाद में मतभेद था ,टैगोर ने गांधी जी को महात्मा कहा ,और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को प्रिदर्शनी से सम्बोधित किया , टैगोर जी की कविता भारत और बांग्ला देश का राष्ट्रीय गान है ,उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न दिया गया । जब टैगोर इलाज के लिए कलकत्ता जा रहे थे तब उनकी नातिन ने कहा कि नया पावर हाउस लग रहा है तब टैगोर ने कहा एक आलोक जाएगा तब नया का आगमन होगा , शायद उन्हें अपनी मृत्यु का अहसास हो चला था।और 7 फरवरी 1941को निधन हो गया।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,संयोजक ज़फर अली, हरीश तिवारी,एसएल रात्रे, विनोद शर्मा, त्रिभुवन कश्यप, माधव ओत्तालवार ,ब्रजेश साहू,, विनोद साहू, पिंकी बतरा , शिल्पी तिवारी,शैलेन्द्र जायसवाल, सावित्री सोनी, अखिलेश बाजपेयी, राजेश शर्मा, सुदेश नन्दिनी,जिग्नेश जैन,मनोज शर्मा,दिनेश सूर्यवंशी,सत्येंद्र तिवारी,हरि डेनिएल,गणेश रजक,दीपक रायचेलवार,चन्द्रहास केशरवानी,करम गोरख,मोह अयूब,चन्दन सिंह,मनोज सिंह,अजय साहू, आदि उपस्थित थे ।

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