बिलासपुर के अरपा नदी पर जलकुंभी के दुष्प्रभाव को देखते हुए पुणे से मंगाया गया है विशेष एक्वा वीड हार्वेस्टर मशीन, शनिवार से शुरू हो रहे सफाई अभियान से पूरे अरपा नदी से इस मशीन द्वारा हटाई जाएगी जल कुंभियां, जिसके बाद तालाबों की भी होगी सफाई

प्रवीर भट्टाचार्य

जलकुंभी किसी भी जल श्रोत के लिए किसी श्राप से कम नहीं है। जो प्रभाव अमरबेल पेड़ों पर उत्पन्न करता है, वही प्रभाव जलकुंभी जल स्रोतों पर करता है। तालाब हो, नदी या फिर तलैया। अगर उस पर जलकुंभी का प्रकोप हुआ तो फिर, एक तो ऐसा पानी पूरी तरह प्रदूषित हो जाता है और फिर जलकुंभी बड़े पैमाने पर जल अवशोषित कर जल स्रोतों को सुखा भी देता है। बिलासपुर के अधिकांश तालाबों में जलकुंभी मौजूद है, तो वही बिलासपुर की एकमात्र जीवनदायिनी अरपा नदी पर भी जलकुंभी की परत मौजूद है ।

पहली झलक में अरपा नदी दूर से कोई हरा भरा खेल का मैदान नजर आता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस पर जलकुंभी की एक बड़ी परत हमेशा मौजूद रहती है । यह जलकुंभी जहां अरपा नदी को प्रदूषित कर रही है, तो वही इस जलकुंभी की वजह से अरपा नदी का अधिकांश पानी भी सोख लिया जा रहा है। हालांकि मानवीय प्रयास से कई बार इस जलकुंभी को हटाने की कोशिश की गई , लेकिन पूरी तरह कामयाबी नहीं मिल पाई। जलकुंभी इस बड़े पैमाने पर है कि उसे पूरी तरह से हटाना संभव भी नहीं हो पाता , तो वही जलकुंभी हटाने के दौरान कई तरह के संक्रमण से त्वचा की समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती है। बिलासपुर में सिम्स से लेकर देवरीखुर्द चेक डैम तक जलकुंभी का प्रकोप अरपा नदी में है। सबसे भयानक स्थिति दयालबंद और तोरवा क्षेत्र में है।


छठ घाट में भी जलकुंभी शबाब पर है। यहाँ बुरी तरह जलकुंभी मौजूद होने से अरपा नदी का प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और उससे उठती दुर्गंध लोगों को परेशान कर रही है।
इसे लेकर पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र दास ने नगर निगम के अधिकारियों से चर्चा कर स्थायी समाधान की मांग की थी। इस पर पहल करते हुए बिलासपुर नगर निगम ने अब हाईटेक तरीके से जलकुंभी को हटाने का निर्णय लिया है।
इसके लिए विशेष तौर पर तैयार एक्वा विड हार्वेस्टर मशीन मंगाया गया है। दिल्ली की क्लीन ट्रैक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड की इस मशीन को पुणे से लाया गया है। 6 दिनों की यात्रा कर एक्वा वीड हार्वेस्टर मशीन शुक्रवार को बिलासपुर पहुंची। नगर निगम कार्यपालन अभियंता अनुपम तिवारी ने बताया कि फिलहाल इस मशीन को प्रायोगिक तौर पर बिलासपुर लाया गया है ।अगर यह मशीन यहां कामयाब होती है तो फिर बिलासपुर नगर निगम स्थाई रूप से इस मशीन को क्रय करने पर भी विचार कर सकता है। फिलहाल बिलासपुर नगर निगम को यह मशीन प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल करने के लिए निशुल्क देने की बात कही जा रही है। नगर निगम के अधिकारी अनुपम तिवारी ने बताया कि एक्वा वीड हार्वेस्टर उसी जगह पर प्रभावी हो सकता है जिसमें कम से कम 4 फीट पानी हो। इससे कम पानी पर यह स्वयं चल नहीं सकेगा।

फिलहाल अरपा नदी में जलकुंभी की सफाई अभियान की शुरुआत छठ घाट से की गई है। दो क्रेन की मदद से इस एक्वा वीड हार्वेस्टर मशीन को नदी में उतारा गया। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन यह मशीन अरपा नदी में 8 घंटे काम करेगी। प्रतिदिन छह हाईवा जलकुंभी निकालने का अनुमान लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यहां से निकाले गए जलकुंभी को कछार स्थित सॉलिड वेस्ट प्लांट ले जाकर उससे कंपोस्ट खाद बनाया जाएगा। इसका दोहरा लाभ है। श्री तिवारी ने बताया कि अरपा नदी की सफाई के बाद शहर के जलकुंभी प्रभावित तालाबों में भी इस मशीन का उपयोग कर जलकुंभी हटाई जाएगी। भारत के बड़े-बड़े शहरों में स्थित नदी, झील , तालाब आदि की सफाई इस मशीन द्वारा सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें साबरमती से लेकर जम्मू कश्मीर का डल झील भी शामिल है।
अब तक हर जगह एक्वा विड हार्वेस्टर जलकुंभी हटाने में कारगर साबित हुई है, इसलिए अपेक्षा की जा रही है कि बिलासपुर में भी यह प्रयोग सफल रहेगा। इसके सफल रहने पर निगम स्थायी रूप से इसे खरीद भी सकता है।

बताया जा रहा है कि शनिवार को बिलासपुर महापौर रामचरण यादव छठ घाट पर विधिवत पूजा अर्चना कर जलकुंभी सफाई अभियान की शुरुआत करेंगे। दावा किया जा रहा है कि एक महीने के भीतर पूरे अरपा नदी से जल कुंभिया पूरी तरह से हटा दी जाएंगी ।

इधर बिलासपुर नगर निगम के इस पहल की सराहना करते हुए पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र दास ने कहा कि नदी हमारी विरासत है । इसका संरक्षण और संवर्धन बेहद जरूरी है। नदी से ही पूरा शहर पोषित हो रहा है। वही सनातन परंपराओं में सभी धार्मिक और आस्था के अनुष्ठान नदी तट पर ही सम्पन्न होते हैं , जिन्हें करना जलकुंभी युक्त अरपा नदी में बाधा उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने अपेक्षा की है कि एक्वा वीड हार्वेस्टर मशीन द्वारा जलकुंभी पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा, जिससे एक बार फिर से अरपा नदी की खोई हुई रौनक लौटेगी और इसका सकारात्मक प्रभाव छठ घाट पर भी दिखेगा । छठ घाट की सफाई हो जाने से यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने की उन्होंने उम्मीद जताई है। डॉक्टर दास ने कहा कि हर वर्ष छठ पर्व पर जलकुंभी की सफाई बड़ी समस्या हुआ करती थी। अगर बिलासपुर नगर निगम के पास स्थायी रूप से यह मशीन उपलब्ध होगी तो फिर इस समस्या का त्वरित और प्रभावी निराकरण संभव हो पाएगा।

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