

बिलासपुर में कथित रूप से ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर करने के लिए लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल खुद परेशानी का सबब बन रहे हैं। इस वजह से उन सड़कों पर भी लगातार जाम लग रहे है, जहां पहले यह समस्या नहीं थी। इसे लेकर अब सोशल मीडिया पर भी कमेंट की बाढ़ आई हुई है, तो वही इसका विरोध भी शुरू हो चुका है।

कुछ चौक चौराहों पर तो ट्रैफिक सिग्नल का होना जरूरी है, लेकिन बिना वजह हर चार कदम पर लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल से यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है । जहां आसानी से ट्रैफिक सुचारू रूप से संचालित हुआ करता था, वहां भी अब सिग्नल की वजह से लोगों को बेवजह रुकना पड़ रहा है। ट्रैफिक सिग्नल में फंसे एंबुलेंस अब आम बात है। तेज धूप में बिना वजह ग्रीन सिगनल की प्रतीक्षा करते लोग देखे जा सकते हैं
इस वजह से जनता को हो रही परेशानी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में उन स्थानों की सूची भी दर्शाई गई है जहां ट्रैफिक सिग्नल की आवश्यकता नहीं है। दयालबंद से गुरुनानक स्कूल जाने वाले तिराहा, भारतीय नगर चौक, श्रीकांत वर्मा मार्ग तिराहा, गांधी चौक, तारबाहर चौक, देवकीनंदन चौक, अशोक नगर चौक, महाराणाप्रताप चौक जैसे कुछ चौराहे और तिराहे का उल्लेख करते हुए कहागया है कि यहां ट्रैफिक सिग्नल की आवश्यकता नहीं है। सिग्नल सुविधा की बजाय परेशानी उत्पन्न कर रहे हैं। इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की गई है।

कहा गया है कि ट्रैफिक सिग्नल को परीक्षण कर बंद कर दिया जाए। बाएं ओर के मार्ग को चालू रखा जाए, जिससे कि आम आदमी को परेशानी कम हो।
बिलासपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल आलोचना का शिकार हो रहे हैं। लोग खोदापुर के बाद बिलासपुर को सिग्नल पुर कहने लगे हैं। कांग्रेसियों ने भी इस व्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिलासपुर की सड़कें सकरी है और लेफ्ट साइड की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में ट्रैफिक सिग्नल की वजह से सड़कों पर लंबा जाम लग रहा है। जिन सड़कों पर आसानी से वाहन गुजर जाते थे, वहां भी अब जाम में लोगों को फसना पड़ रहा है। जाम इतना लंबा होता है कि रेड सिग्नल ग्रीन होने के बाद आधा ट्रैफिक ही क्लियर हो पाता है, इसलिए लोगों को 5 से 10 मिनट तक ट्रैफिक सिग्नल में रुकना पड़ता है। इस वजह से कई लोगों की ट्रेन छूट जाती है। कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर कलेक्टर और एसपी से शिकायत की है और उन्हें समस्याओं से अवगत करा कर शीघ्र निराकरण की मांग की है।

