

सोनेश्वर महादेव मंदिर परिसर में सोनेश्वर महादेव स्नान घाट एवं मुक्तिधाम विकास समिति ,अरपा उद्गम बचाओ संघर्ष समिति पेंड्रा छत्तीसगढ़ अरपा बचाओ अभियान बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान हुआ आयोजन
“जीवनदायिनी नदियां एवं समाज का दायित्व “विषय पर वक्ताओं ने रखे ज्वलंत विचार
पुरातन समय से है। पहले मनुष्य नदियों के पास दास्य भाव और मित्र भाव से जाता था लेकिन अब यह उनके पास शोषक भाव से जाता है। यही नदियों की वर्तमान दुर्दशा का कारण है।
उक्त बाते 9 अप्रैल 2023 दिन रविवार को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला में सकोला सोन नदी के पास उद्गम बचाओ संघर्ष समिति पेंड्रा एवं अरपा बचाओ अभियान बिलासपुर तथा सोनेश्वर महादेव स्नान घाट एवं मुक्ति धाम विकास समिति सकोला के संयुक्त तत्वाधान में “जीवनदायिनी नदियां एवं समाज का दायित्व “विषय पर संगोष्ठी में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बिलासा कला मंच के संस्थापक डा सोमनाथ यादव ने व्यक्त की। प्रमुख वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार प्रभितु बनर्जी ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के बीच विकास के लिए प्रकृति के अन्य उपादानों की भांति नदियों का दोहन आवश्यक है किंतु वह संतुलित होना चाहिए। अपनी बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने क्षिप्रा, सोन और गंगा नदियों की वर्तमान दुर्दशा के उदाहरण द्वारा नदियों के प्रदूषित होने तथा उनके अंधाधुंध दोहन से उत्पन्न जैव विविधता के कारण आसन्न संकट की ओर सजग रहने का आह्वान किया।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि बिलासा कला मंच बिलासपुर के संस्थापक डॉक्टर सोमनाथ यादव संयोजक अरंपा बचाओ अभियान बिलासपुर ने कहा कि अरपा बचाओ अभियान के तहत विगत 18 वर्ष से निरंतर मां अरपा नदी और उनके सहायक नदी,नालों के संरक्षण,संवर्धन हेतु हमारी संस्था काम कर रही है जिसमें अमरपुर पेंड्रा स्थित अरपा उद्गम के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु पेंड्रा की अरपा उद्गम बचाओ संघर्ष समिति जी जान से जुटी है। उन्होंने कहा अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के गठन के होने से अरपा के विकास में गति आएगी ऐसा उम्मीद है। आज हमारा यह अभियान सोन नदी तक पहुंच गई है।
पेंड्रा नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश जालान ने कहा कि इस कार्यक्रम में आकर बहुत खुशी हो रही है कितनी संतुष्टि मुझे किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम के मंच मैं नहीं होती। सामाजिक सरोकार से जुड़ा यह कार्यक्रम वंदनीय है। संरक्षक बिलासा कला मंच चंद्र प्रकाश देवरस ने कहा की नदियों की रक्षा करने का दायित्व समाज का ही है परंतु समाज नदी को क्या देता है यह समाज विचार करें। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष इकबाल सिंह ने कहां कि नदियों का वर्णन पुराणों में मिलता है गुरु वाणी में नदी का उल्लेख है हम सबका दायित्व है कि हम नदी की रक्षा करें। बिलासा कला मंच के अध्यक्ष महेश श्रीवास ने अरपा बचाओ अभियान की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला और संकल्प दोहराया कि यह दायित्व हम आजीवन निभाते रहेंगे। इस अवसर पर ग्राम सकोला के उपसरपंच सतीश शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए तथा आयोजन की प्रशंसा की। कार्यक्रम के संयोजक अक्षय नामदेव ने कार्यक्रम के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा बताया कि अरपा के साथ अब सोन नदी के संरक्षण पर भी कार्य किया जा रहा है इसमें जनभागीदारी आवश्यक है।इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में सरोकार रखने वाले समाजसेवी, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों एवं नदी प्रेमियों शरद अग्रवाल, मुकेश विश्वकर्मा, रामेश्वर तिवारी, मुरारीलाल रैदास प्रयास केवट ,सूरज यादव दीपक गुप्ता विपत राम सारथी ,अरविंद बनाफर,गणेश पांडे, पितांबर सिंह मार्को, मनोज साहू, मानसिंह वाकरे ,भारत सिंह खुसरो, लवकेश द्विवेदी, आनंद मरावी, भागवत सिंह मार्को, लाल सिंह ,जय प्रकाश पांडे सुनील शुक्ला, नंदू महाराज ,दीपक गुप्ता, कृष्ण कुमार साहू ,कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, जमुना सिंह ,रामकुमार बघेल मुकेश जयसवाल, आशुतोष आनंद दुबे, यशवंत नेटी ,रूपसिंह,जनार्दन श्रीवास,आशुतोष आनंद दुबे अजय चौधरी ग्राम सकोला सरपंच नारायण सिंह अर्मों,भाड़ी के सरपंच बलदेव सिंह वाकरे मनीष श्रीवास जल जंगल जमीन से जुड़े कार्यकर्ता चंद्र प्रताप उईके मोती चंद जैन मनीष श्रीवास के साथ अरपा बचाओ अभियान यात्रा के संयोजक डा सोमनाथ यादव,सदस्यगण चंद्रप्रकाश देवरस, महेश श्रीवास,प्राण चड्डा,डा सुधाकर बिबे,डा जी डी पटेल, देवानंद दुबे,रामेश्वर गुप्ता, अनूप श्रीवास,एम डी मानिकपुरी,अनिल व्यास,देवानंद दुबे का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन अजय चौधरी ने तथा आभार प्रदर्शन पत्रकार अखिलेश नामदेव ने किया। *दूसरे दिन सुबह बिलासपुर से अरपा बचाओ अभियान यात्रा प्रारंभ हुई जो नदी के किनारे किनारे होते हुए दोपहर को पेंड्रा पहुंची,वहा से अरपा उदगम स्थल अमरपुर पेंड्रा जाकर वस्तुस्थिति से अवगत होने के बाद यात्रा पुनः वापसी के लिए चली विभिन्न स्थानों से होते हुए रात में बिलासपुर में यात्रा का समापन हुआ। यात्रा के दौरान अरपा और सहायक नदी,नालों की स्थिति में सुधार नहीं दिखा। सिंचाई,विभाग,वन विभाग,राजस्व विभाग के द्वारा कोई भी ऐसा कार्य नही किया गया है जो कह सके कि कुछ कार्य हुआ हो,ऐसा लगा कि अरपा के उद्गम से अरपा शिवनाथ नदी संगम तक विकास दूर दूर तक नही दिखा*।
