

आकाश दत्त मिश्रा


छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के साजा विधानसभा क्षेत्र के बिरनपुर गांव में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद एक तरफ जहां धारा 144 लगा दी गई है वहीं पूरे प्रदेश में स्थिति तनावपूर्ण बताई जा रही है। इस मुद्दे को लेकर रायपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान भी हिंदू पक्ष पर पथराव की खबरें हैं। इधर इस घटना के विरोध में बिलासपुर में भी सनातनी हिंदू समाज और साहू समाज ने घटना की पुरजोर निंदा करते हुए मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का पुतला फूंका। प्रदेश में लगातार हिंदुओं पर अत्याचार होने और सरकार पर इसका मौन समर्थन करने का आरोप लगाया जा रहा है।
बिलासपुर में पुतला दहन

इसी मुद्दे पर रविवार शाम को बिलासपुर के सत्यम चौक पर सनातनी हिंदू समाज ने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का पुतला फूंकने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था ने उन्हें ऐसा करने से रोका। प्रदर्शन कर रहे लोगों से पुतले छीन लिए गए तो उन्होंने प्रतीकात्मक पुतले में आग लगा दी, जिसे भी पुलिस ने पानी छिड़ककर बुझा दिया। इस दौरान आंदोलनकारियों ने जमकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
क्या है पूरा मामला

पुलिस का कहना है कि बेहद मामूली घटना ने बिरनपुर में हिंसक रूप ले लिया। स्कूली बच्चों के विवाद में दो समुदाय आपस में भिड़ गए। लेकिन पूरा मामला इतना सरल भी नहीं है जैसा बताया जा रहा है। इसकी नींव चार-पांच महीने पहले ही पड़ चुकी थी। सूत्रों के अनुसार घटना में मारे गए योगेश साहू उर्फ़ भुवनेश्वर साहू की बहन ने करीब चार-पांच महीने पहले गांव के ही मुस्लिम लड़के से निकाह कर लिया था। इसे लव जिहाद का मामला बताते हुए गांव के चौपाल में हिंदू लड़की से निकाह करने वाले मुस्लिम परिवार के बहिष्कार का फैसला लिया गया। इसके साथ ही गांव में दोनों पक्षों के बीच तनाव की स्थिति रहने लगी।
बताया जा रहा है कि योगेश साहू के परिवार के आने जाने का रास्ता उसी मुस्लिम पक्ष के घर के सामने से गुजरता था । इस वजह से हर दिन इसी बात पर विवाद हुआ करता था। घटना वाले दिन भी साहू परिवार के बच्चे दूसरे पक्ष के घर के सामने से गुजर रहे थे । इसी दौरान नए सिरे से विवाद आरंभ हो गया। एक युवक ने कांच की बोतल छात्र के हाथ में फोड़ दी, जिससे उसका हाथ फैक्चर हो गया। इसकी जानकारी जब दूसरे पक्ष को हुई तो इस मुद्दे पर हिंदू समाज के लोग बैठक कर रहे थे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान दूसरे पक्ष के लोग वहां हथियार , तलवार, डंडा पत्थर आदि के साथ पहुंचे और हिन्दू पक्ष पर हमला कर दिया। किसी तरह से बाकी लोग तो भागने में कामयाब रहे लेकिन योगेश साहू उनके हाथ लग गया और उन्होंने पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं हिंसा पर उतारू इन लोगों ने पुलिस अधिकारी पर भी जानलेवा हमला किया।
इनकी हुई गिरफ्तारी
बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में शनिवार को हुई इस घटना से पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति है। हिंदू पक्ष का दावा है कि इस घटना में 50 से अधिक हमलावर थे जिनमें से अधिकांश महिलाएं थी लेकिन पुलिस ने अब तक इस मामले में निजामुद्दीन खान, रशीद खान , मुख्तार खान, अकबर खान, अब्दुल खान, नवाब खान, अयूब खान, शफीक मोहम्मद, बशीर खान, जलील खान और जनाब खान को गिरफ्तार किया है। वही पूरे क्षेत्र में तनाव को देखते हुए जिले में धारा 144 लागू कर दी है और गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

विश्व हिंदू परिषद और भाजपा ने की निंदा
इधर बेमेतरा की इस घटना को विश्व हिंदू परिषद ने जेहादी मामला बताया है, जिसके विरोध में 10 अप्रैल को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया गया है। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि इस सोची समझी साजिश के पीछे 50 परिवारों का हाथ है जिनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की जा रही है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा ने कहा कि दिखावे के लिए कुछ लोगों के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी बेमेतरा हिंसक घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है, साथ ही उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है। अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ को तालिबान बनने नहीं दिया जाएगा। कुछ दिन पहले गौ मांस खाते हुए एक युवक ने वीडियो वायरल किया था। इन घटनाओ के विरोध में छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति शासन की मांग की जा रही है। इधर बेमेतरा की घटना के विरोध में सोमवार को प्रदेश बंद का आह्वान किया गया है। रायपुर बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, जगदलपुर जैसे प्रदेशों में चक्का जाम भी किया जाएगा। लोगों से दुकान बंद करने का आह्वान किया गया है। भारतीय जनता पार्टी भी इस बंद का समर्थन कर रही है।

