
आलोक मित्तल

अधिक से अधिक संख्या में मंच पर चढ़ने की होड़ के चलते बिलासपुर में कांग्रेस का मंच भरभरा कर गिर पड़ा। राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद देशभर में कांग्रेस जय भारत सत्याग्रह आंदोलन कर रही है। इसी के अंतर्गत बिलासपुर में भी लोकतंत्र बचाओ मशाल रैली का आयोजन रविवार को किया गया, जिसमें कांग्रेस के बड़े नेता भी शामिल हुए। इस आयोजन में सभा के लिए देवकीनंदन चौक के पास मंच का निर्माण किया गया था। शाम के वक्त जब बड़े नेता मंच पर थे तो कार्यकर्ताओं में अधिक से अधिक संख्या में मंच पर चढ़ने की होड़ थी। मंच पर भार अधिक पड़ने के कारण अचानक मंच भरभरा कर गिर पड़ा। इस दौरान पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, विधायक शैलेश पांडे और अन्य पदाधिकारी मंच पर मौजूद थे। बताया जा रहा है कि इस घटना से जिला अध्यक्ष विजय केसरवानी, मोहन मरकाम आदि को चोटे आई है। अचानक मंच गिर जाने से अफरा-तफरी का माहौल हो गया।

शाम को गांधी चौक से मशाल यात्रा शुरू हुई थी, जो रात करीब 8:00 बजे के आसपास देवकीनंदन चौक पहुंची। यहां मंच का निर्माण किया गया था, जहां कांग्रेस के नेता अपना संबोधन देने वाले थे। मंच पर क्षमता से अधिक नेता चढ़ गए । सभी केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। इसी दौरान मंच गिर गया। मंच से मोहन मरकाम और बड़े नेता संबोधन करने वाले थे। इससे यहां भगदड़ मच गयी और भीड़ तितर-बितर हो गई। वहीं घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया।

कांग्रेस पार्टी में हर छोटे बड़े नेता का प्रयास होता है कि वह मंच पर पार्टी के बड़े नेताओं के साथ खड़े हो या दिखे। यह पहली बार नहीं हुआ है, जब कांग्रेस का मंच इस तरह से गिरा है। मुंगेली में भी इस तरह के हादसे हो चुके हैं। देशभर में कई बार इस तरह से कांग्रेस का मंच गिर चुका है। कहा जाता है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अनुशासन की कमी होती है। शायद इसी वजह से इस तरह की घटनाएं सामने आती है। कोई बता रहा है कि मंच कमजोर था, लेकिन जानकारों का मानना है कि मंच की अपनी क्षमता होती है और उस पर क्षमता से अधिक लोड पड़ने के कारण ही वह ढह गया।

