श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा बिलासपुर छत्तीसगढ़ में चल रहे रूद्र चण्डी महायज्ञ,श्री मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अन्तर्गत श्रीमद् देवी भागवत पुराण के व्यास जी श्री निर्वाण पीठाधीश्वर स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज ने अपने दिव्य प्रवचन में कहा कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” जहां नारी का सम्मान होता है वही देवता का निवास होता है। सायंकालीन संत सम्मेलन में पधारे महापुरुषों में परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी महाराज हरियाणा ने अपने संदेश में कहा “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” अर्थात कर्म ही सर्वोपरि है

इसी क्रम में काशी भगवान विश्वनाथ की नगरी से पधारे महामंडलेश्वर स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज राष्ट्रीय महामंत्री (अखिल भारतीय संत समिति) ने कहा कि हमारे जीवन में उपासना का अत्यधिक महत्व है प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में यात्री पूर्वक भगवान की उपासना करनी चाहिए इंदौर से पधारे परमश्रद्धेय महामंडलेश्वर राधे-राधे बाबा जी अपने संदेश में कहा कि हमारी मातृशक्ति को पुनः ऐसी ऊर्जा उत्पन्न करनी होगी जो भगवान श्रीराम,महावीर,तुलसी जैसी हो क्योंकि हमारी नारीशक्ति ही सनातनो की जन्म दात्री है। परम पूज्य स्वामी श्री सच्चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने धर्म उपासना और ज्ञान के विषय पर प्रकाश डाला इसी क्रम में दिल्ली से पधारे आचार्य श्री शुभेष शर्मन जी ने सभी से आग्रह आवाहन करते हुए कहा कि हमें गौ पालन पर ध्यान देने की आवश्यकता है जब जब घरों में गौ पाली जाती थी वहां परेशानियां कम होती थी शरीर को निरोग एवं स्वस्थ रखने के लिए गौ दुग्ध का सेवन करना चाहिए मन,कर्म को पवित्र शुद्ध रखने के लिए हिंदू धर्म ग्रंथ रामायण गीता आदि की शिक्षा अपने बच्चों को देनी आवश्यक है जिन घरों में गीता रामायण ग्रंथों का पाठ होता है वहां सदैव सात्विकता बनी रहती है।

कल के कार्यक्रम

कल रामनवमी के महापर्व पर भगवान श्री राम प्रतिष्ठा के सत्र् में प्रातः 9:00 बजे से सभी धार्मिक उत्सव प्रारंभ होंगे जिसमें विशेष रूप से 9:00 से 11:00 बजे तक श्रीमद् देवी भागवत कथा का विराम, 11:30 से 12:30 बजे तक भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के विग्रह की स्थापना के साथ 1:00 बजे रूद्र चण्डी यज्ञ की पूर्णाहुति के पश्चात 3:30 बजे से संत सम्मेलन में महापुरुषों के दिव्य संदेश उपदेश और आशीर्वचन प्राप्त होंगे। कार्यक्रम के बारे में पीताम्बरा पीठाधीश्वर दिनेश जी महाराज ने नगरवासियों का आवाहन करते हुए कहा कि सभी नगरवासी सभी आयोजनों में भाग लेकर पुण्य के भागी बने एवं धर्म लाभ उठावे।

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