सावधान हो जाइए, क्योंकि अगर आपका मोबाइल चोरी होता है तो सिर्फ मोबाइल ही चोरी नहीं होता बल्कि शातिर अपराधी अब उसी मोबाइल के जरिए आपके मोबाइल में मौजूद पेमेंट ऐप का इस्तेमाल करते हुए बैंक खाता भी साफ कर सकते हैं। बिलासपुर पुलिस ने मोबाइल चोरी करने वाले ऐसे गिरोह के एक सदस्य को पकड़ा है जो न सिर्फ मोबाइल चोरी करते थे बल्कि चोरी किए गए मोबाइल का पैटर्न लॉक खोलकर मोबाइल में मौजूद यूपीआई एप्प तक पहुंच जाते थे । यह शातिर लोग मोबाइल के पेमेंट एप के लॉक को भी खोल कर उस से संचालित यूपीएलआईडी का उपयोग कर बैंक खातों से रकम दूसरे के खाते में ट्रांसफर कर देते थे या फिर खुद उन पैसों से अय्याशी करते थे। ऐसा करने के बाद चोरी गए मोबाइल को झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में ले जाकर बेच देते थे। गिरोह के साहिबगंज झारखंड निवासी एक आरोपी को पुलिस ने पकड़ा है जबकि दूसरे आरोपियों की पुलिस को तलाश है। इस मामले में पकड़े गए विकास कुमार नोनिया से कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई है ।
असल में सरकंडा रूद्र विहार फेस टू में रहने वाले बुजुर्ग मुकेश दुबे बृहस्पति बाजार में सब्जी खरीदने गए थे। यह बाजार बिलासपुर का बड़ा ही बदनाम बाजार बन गया है जहां कभी वाहन तो कभी मोबाइल की चोरी अक्सर होती रहती है। सब्जी खरीदने के दौरान किसी चोर ने उनका शाओमी मोबाइल पार कर दिया, जिसकी कीमत ₹26499 थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और साइबर सेल की मदद से आरोपी भोला कुमार उर्फ टाइगर और गौतम कुमार को बृहस्पति बाजार बिलासपुर से हिरासत में लेकर पूछताछ की। उनके पास से तीन मोबाइल फोन मिले। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने पहले भी बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग एवं भिलाई के भीड़भाड़ वाले इलाकों से करीब 22 एंड्रॉयड फोन चोरी किए थे। मोबाइल बेचने से पहले यह मोबाइल के पेमेंट ऐप के जरिए बैंक खाते से पूरी रकम उड़ा देते थे। इस मामले में दो आरोपी फरार थे, जिसमें से एक आरोपी विकास कुमार नोनिया रायपुर जेल में बंद था, जिसे पुलिस ने विधिवत गिरफ्तार किया है। एक और आरोपी की तलाश में पुलिस जल्द ही दूसरे राज्य का रुख करेगी।