देवी को माया माया कहने से नहीं मां कहने से होगी मुक्ति- स्वामी विशोकानंद भारती

श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकण्डा बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित त्रिदेव मंदिर में नवरात्र के सातवें दिन पीताम्बरा माँ बगलामुखी देवी कालरात्रि देवी के रूप में पूजन श्रृंगार किया गया।28/03/2023 को पीताम्बरा पीठ सरकंडा के देवी प्रांगण में अपने प्रवचन में स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज ने कहा कि देवी को माया माया कह निंदा करने और कोसने से नहीं माँ माँ कहने से लोक और परलोक में समृद्धि,सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है स्वामी जी ने कहा कि अज्ञानियों के पास जो संसार वह भी माँ का दिया हुआ है परंतु संसार उसको ही अनुकूल मानता है जो धर्मात्मा और माँ का भक्त होता है अपने निर्धन और प्रतिकूल संसार को सधने और अनुकूल करने के लिए कलयुग में चण्डी माँ और विनायक भगवान अधिकृत हैं। “कलौं चण्डी विनायकौ” देवी भागवत की कथा प्रमाण है कि जिन जिन राक्षसौ और राक्षसी स्वभाव वालों ने भगवान को देर किनारे करके माया को अपनाया है वह रावण की तरह ही संपत्ति,संतति और समान पाने के बाद भी कंगाल हुए और मृत्यु को प्राप्त हुए हैं,मोक्ष को नहीं। इस माया को माँ के कृपा देखते हुए उपास्य और दर्शनीय बनाये।विशोकानन्द भारती जी महाराज ने कहा कि पूज्य पाद शारदानन्द जी महाराज दैवी सम्पदा की साधना में संलग्न रहते थे इसीलिए उन्होंने अपने शिष्य आचार्य दिनेश जी महाराज को भी परोपकार और परमार्थ की दैवी दीक्षा से अभिव्यक्त किया आज बिलासपुर में दैवी सम्पदा को प्राप्त करने का पीताम्बरा माता का धाम अग्रण्य है। जैसे माँ अपने बालक के कल्याण के लिए आतुर रहती है,वैसे ही भगवती अपने भक्तों के लौकिक,पारलौकिक और परमार्थिक कल्याण के लिए तत्पर रहती है।इसमें काशी से पधारे स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती जी महाराज,पीताम्बरा पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश जी महाराज एवं देवघर झारखंड से पधारे वेदांताचार्य गिरधारी वल्लभ झा सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

श्री पीताम्बरा पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश जी महाराज ने बताया कि सप्तमी को शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का नमक चमक रुद्राभिषेक के पश्चात देवाधिदेव महादेव का अग्नि स्थापना,हवन सम्पन्न हुआ। सप्तमी हवन के पश्चात अधिवास पूजा प्रारंभ हुआ जिसमें जलाधिवास एवं अन्नाधिवास किया गया।यज्ञ के यज्ञाचार्य श्री गिरधारी वल्लभ झा वेदांताचार्य देवघर झारखंड के आचार्यत्व मे संपन्न हो रहा है। अष्टमी एवं नवमी को देवी भागवत कथा प्रातः 9:00 से 12:00 तक संपन्न होगा, एवं संध्या 3:00 बजे से 6:00 बजे तक संत समागम धर्मसभा,सत्संग का आयोजन किया जाएगा।एवं रामनवमी के पावन पर्व पर भगवान परम ब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की मूर्ति का
महान्यास प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा तत्पश्चात श्री राम सहस्त्रनाम हवन, किया जाएगा,जिसमें देश के विभिन्न संत सम्मिलित होंगे जिनमें
महामण्डलेश्वर श्री 108 श्री स्वामी हरिहरानन्द सरस्वती जी महाराज परमाध्यक्ष- दैवी सम्पद् मण्डल अमरकण्टक, महामण्डलेश्वर महंत राजेश्री डॉ. रामसुन्दरदास जी महाराज दूधाधारी मठ रायपुर (छ.ग.),महामण्डलेश्वर श्री 108 श्री धर्मदेव जी महाराज पटौदी हरियाणा,
राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय संत समिति स्वामी श्री जीतेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज काशी, महामण्डलेश्वर श्री 108 श्री मनमोहन दास जी महाराज इंदौर (म.प्र.),श्री श्री 108 श्री महंत रामभूषणदास जी महाराज अमरकंटक (म.प्र.),श्री 108 श्री स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती जी महाराज शिवकुंज आश्रम काशी, उत्तरप्रदेश,आचार्य श्री शुभेष शर्मन, राष्ट्रीय संयोजक अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज, दिल्ली के उपस्थिति एवं सानिध्य में संपन्न होगा।

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